नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)| सिक्किम विधानसभा चुनाव में कोई भी सीट नहीं जीत पाने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब राज्य विधानसभा की विपक्षी पार्टी बन गई है। सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के 10 विधायक भाजपा में शामिल हो गए, जिसके बाद यह समीकरण बदले हैं। पूर्वोत्तर राज्य में 25 वर्षो तक शासन करने वाली एसडीएफ के कुल 13 विधायकों में से 10 विधायक मंगलवार को भाजपा के पाले में चले गए।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने यहां पार्टी मुख्यालय में नरेंद्र कुमार सुब्बा, दिली राम थापा, कर्मा सोनम लेप्चा, पिंत्सो नामग्याल लेप्चा, राज कुमारी थापा, ताशी थेंडुपुत भूटिया और कृष्ण बहादुर राय सहित विधायकों का आधिकारिक स्वागत किया।
माधव ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व कार्यकारी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने विधायकों के पार्टी में प्रवेश के लिए पहले ही अपनी अनुमति दे दी थी।
अप्रैल में लोकसभा चुनाव के साथ हुए विधानसभा चुनावों में राज्य की कुल 32 सीटों में से सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने 17 सीटें जीतते हुए राज्य पर 25 साल शासन करने वाली एसडीएफ को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया। एसडीएफ चुनाव में 15 सीटें हासिल कर पाई।
चूंकि एसडीएफ के दो जबकि एसकेएम के एक विधायक दो सीटों से जीते थे, जिससे विधानसभा में तीन सीटें खाली हो गई। इस तरह एसडीएफ के पास महज 13 जबकि एसकेएम के पास 16 विधायक रह गए।
मीडिया से बात करते हुए माधव ने कहा, “13 विधायकों में से 10 भाजपा में शामिल होने के साथ हम सिक्किम में एक विपक्ष की जिम्मेदारियों को पूरा करेंगे और पार्टी के आधार को मजबूत करेंगे।”
भाजपा में शामिल हुए स्थानीय नेता दोरजी त्सेरिंग लेप्चा ने कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि राज्य में इतने विधायकों ने पार्टियां बदली हैं।
उन्होंने कहा, “सिक्किम तीन अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं वाला एक छोटा राज्य है। हम चाहते हैं कि भाजपा सिक्किम में जीते। राज्य के युवा भाजपा के साथ हैं। हम चाहते हैं कि भाजपा के नेता भी देश के बाकी हिस्सों की तरह ही सिक्किम में भी सुधारवादी कदम उठाए।”