श्रीलंका ने सोमवार को फर्जी खबरों को फैलने से रोकने के लिए फेसबुक, व्हाट्सअप और अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर फौरी रोक लगा दी है। इससे एक दिन पूर्व ही देश के बहुसंख्यक सिंहली समुदाय और अल्पसंख्यक मुस्लिमों के बीच झड़प हो गया था।
सोशल मीडिया पर पाबन्दी
श्रीलंका के सूचना विभाग ने बताया कि “सोशल मीडिया साइट्स मसलन, व्हाट्सअप, वाइबर, फेसबुक पर कुछ वक्त के लिए रोक लगा दी है।” कोलोंबो पेज की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों पक्षों के मध्य तनाव काफी बढ़ गया था और इसके बाद नेगोम्बो में कर्फ्यू लगा दिया था। इस शहर में स्थित चर्च में 21 अप्रैल की बमबारी के दौरान हमला हुआ था।
पुलिस प्रवक्ता एसपी रुवान गुनशेखरा ने कहा कि “हालातो पर काबू पाने के बाद नेगोम्बो में कर्फ्यू आज सुबह सात बजे हटा दिया गया था।” 21 अप्रैल के हमलो के बाद दोनों समुदाय के बीच झड़प की यह पहली घटना है। ईस्टर रविवार को हुए हमले में 257 लोगों की मृत्यु हुई थी और सैकड़ों लोग बुरी तरह जख्मी हुए थे। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी।
ईस्टर आतंकी हमला
ईस्टर हमले के बाद श्रीलंका की सरकार ने सोशल मीडिया साइट्स पर पाबन्दी लगा दी थी लेकिन 30 अप्रैल को विभाग ने सभी सोशल मीडिया साइट्स से पाबन्दी हटा ली थी। बीते वर्ष कांडू दंगे के दौरान श्रीलंका ने मशहूर सोशल मीडिया नेटवर्क्स मसलन, फेसबुक, व्हाट्सअप, वाइबर और इंस्टाग्राम को ब्लॉक कर दिया था। सांप्रदायिक दंगो को फैलने से रोकने के लिए यह सिलसिला तीन दिनों तक जारी रहा था।
हाल ही में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को आल सीलोन जमइय्य्याथुल उलमा (श्रीलंका में मुस्लिम मौलवियों का संगठन) ने देश में बुर्क़े पर प्रतिबन्ध का प्रस्ताव रखा था। भारत, अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने नागरिको के यात्रा सुझाव जारी किये हैं। इस एडवाइजरी में लोगो को भीड़भाड़ वाले इलाकों और क्षेत्रीय स्थानों से दूर रहने की सलाह दी है क्योंकि आतंकी हमलावर अब भी हमले को अंजाम दे सकते हैं।