भारतीय बैडमिंटन स्टार खिलाड़ी पीवी सिंधु को उम्मीद है कि साल के अंत में हुए विश्व टूर फाइनल्स में मिली जीत से उन्होने आलोचको का मुंह बंद कर दिया है, क्योंकि इससे पहले कई मुकाबलो में उन्हे रजत पदक से ही सहमत रहना पड़ा था।
गुआंगज़ौ में हुए वर्ल्ड टूर के फाइनल मुकाबले में पीवी सिंधु ने जापान की नोजोमी ओकुहारा को 21-19 और 21-17 से मात दी थी। और अपने नाम पहला स्वर्ण पदक किया था।
सिंधु ने रिपोर्टरो से बात करते हुए कहा, ” मैं पिछले साल फाइनल में पहुंची थी लेकिन फाइनल मुकाबलो में मिले नतीजो से खुश नही थी। मैंने साल के आखिरी में सकरात्मक रूप अपनाया और आखिरी में खिताब जीता। इसके लिए मैं बहुत खुश हूं और अब मुझे अब अपने सिल्वर मेडल जीतने के लिए आलोचनाए नही सुननी पड़ती है।”
” मुझे कभी बुरा नही लगा जब मैं पिछले साल कई फाइनल मुकाबले हारी तो, ना ही आलोचनाए मुझ पर ढेर हुई। और मैं अपने आप से खुश थी क्योकि में पहले राउंड में बाहर नही हुई थी और हर मुकाबले में सिल्वर मेडल जीतकर आई थी।”
सिंधु से जब गुआंगज़ौ में मिली जीत के बारे मे पुछा गया कि क्या उन्होने इस टूर्नामेंट के लिए कुछ खास रणनीति बनाई थी, तो सिंधु ने कहा था, मैं अपना खेल खेल रही थी और हर एक अंक पाने के लिए महनत कर रही थी क्योंकि 2-17 की विश्व चैंपियन ओकुहारा नें मुझे अच्छी टक्कर दी थी।
आगे उन्होने कहा ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप एक बड़ा इवेंट है, और “यह टॉप के खिलाड़ियो” के लिए जीतना आसान नही होगा।
“हम सब इस बड़े टूर्नामेंट के लिए तैयारी कर रहे है।” लेकिन उन्होने कहा अभी उनका ध्यान इंडोनेशिया ओपन की तैयारी में है।
दुनिया की नंबर एक ताई त्ज़ु यिंग के बारे में बात करते हुए, सिंधु ने कहा ..ताइवानी एक “मुश्किल खिलाड़ी” है। “वह अच्छा कर रही है। मुझे तब बहुत खुशी मिली थी जब मैं उनके खिलाफ वर्ल्ड टूर के मैच में जीती थी। निश्चित रूप से, यह सिर्फ इतना है कि कौन उस दिन अच्छा खेलता है? तुम्हे हमेशा सकरात्मक और अपने ऊपर आत्मविश्वास होना चाहिए।”