भारत के केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के सिंधु नदी को मोड़ने के बयान पर पाकिस्तान ने कहा कि उन्हें न ही इससे तक्लीफ है और न ही हम इसका विरोध करेंगे। पाक के जल संसाधन मंत्रालय ने कहा कि अगर भारत सिंधु नदी पर अपने हिस्से के जल को पाक में बहने से रोकना चाहता है तो इस पर न ही हमे कोई आपत्ति है और न ही कोई परेशानी है।
पाक के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव ख्वाजा शुमैल ने डॉन अखबार को बताया है। उन्होंने कहा कि “हमें न इससे आपत्ति है और न ही इसकी चिंता है। अगर भारत पूर्वी नदी के जल के बहाव को मोड़ना चाहता है और अपनी आवाम के इस्तेमाल या अन्य योजनाओं के लिए इस्तेमाल करना चाहता हैं तो हमें कोई आपत्ति नहीं है, सिंधु जल संधि उन्हें इसकी इजाजत देती है।”
पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को अलग थलग करने की योजना के तहत भारत कार्य कर रहा है। नई दिल्ली ने इस्लामाबाद से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया है। पाकिस्तान के समर्थन वाले आतंकी समूह द्वारा प्रायोजित उरी आतंकी हमले के बाद से ही नितिन गडकरी सिंधु नदी के पानी को रोकने की मांग कर रहे थे।
रावी, सतलुज और बीस नदी में भारत का हिस्सा 33 मिलियन एकड़ फ़ीट है। हालाँकि इन नदियों पर निर्मित तीन बड़े बांधों के बाद 95 फीसदी जल देश में ही इस्तेमाल किया जा रहा है। पांच प्रतिशत पानी पाकिस्तान की तरफ बह रहा है।इसे रोकने के लिए भारत को अधिक बाँध के निर्माण करने की जरुरत पड़ेगी, जो अगले छह वर्षों में मुमकिन हो सकेगा।
भारत के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरूवार को कहा कि पूर्वी नदियों से पाकिस्तान की तरफ बह रहे जल की दिशा को मोड़कर जम्मू-कश्मीर और पंजाब की तरफ मोड़ देंगे, यह निर्णय नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने लिया है।नितिन गडकरी ने कहा कि “रावी नदी के शाहपुर कांदी पर बाँध के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। यह प्रोजेक्ट हमारे हिस्से के जल को संरक्षित करेगा और जम्मू-कश्मीर उसे इस्तेमाल करेगा और संतुलित मात्रा में जल सेकंड रावी बीस लिंक में जायेगा।”