सिंगापुर के प्रधानमन्त्री ली हसीन लूँग ने शुक्रवार को साल 1990 में उदारवाद के बाद भारत की आर्थिक वृद्धि की सराहना की है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली के 74 वें समारोह में भाषण दिया था। प्रधानमन्त्री ली ने कहा कि “साल 1990 से भारत निरंतर आर्थिक प्रगति कर रहा है।
सिंगापुर के पीएम की सराहना
उन्होंने कहा कि “भारत की अर्थव्यवस्था उदारवादी स्थिति की तरफ निरंतर बढ़ रही है और उनके साझेदारो के काफी करीब पंहुच गयी है।” प्रधानमन्त्री ने विश्व में सभी देशो के सतत विकास के विषय पर अपनी बात रखी थी। उन्होंने कहा कि “सभी देशो के लिए सतत विकास अब एक प्राथमिकता बन गयी है। सभी मुल्क इससे सम्बंधित समान्य चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इसमें नौकरियों का सृजन, जीवन यापन के स्तर को सुधारना और गरीबी के स्तर को कम करना शामिल है।”
उन्होंने कहा कि “लेकिन किसी मुल्क के लिए अपनी काबिलियत पर विकसित होना और प्रगति करना बेहद मुश्किल है।” सिंगापुर के पीएम ने वृध्दि के लिए व्यापा, निवेश और तकनीक को भी रेखांकित किया है। पीएम ने दक्षिण एशियाई देशो की पूर्ण आर्थिक विकास के बाबत भी बताया है। साल 2001 से विश्व व्यापार संघठन में चीन की अभिवृद्धि को दर्शाया है।
चीन की दो दशको की नाटकीय आर्तिक वृद्धि ने 85 करोड़ लोगो को गरीबी के स्तर से बाहर निकाला है। इस दिन की शुरुआत में भारत के पीएम में यूएन को संबोधित किया था और जलवायु परिवर्तन, विकास और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने के मुद्दों को उठाया था।