ब्रिटेन में स्थित स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के एक अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक साल 2030 तक दुनिया की 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से सात ऐसी होंगी, जिन्हें अभी हम उभरती हुई या विकासशील अर्थव्यवस्था कहते हैं।
रिपोर्ट इस बात की भविष्यवाणी करती है कि चीन साल 2030 तक दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बन जाएगी, अमेरिका का आकार दोगुना हो जाएगा और भारत की अर्थव्यवस्था अमेरिका के मुकाबले 30 फीसदी नहीं होगी।
इस रिपोर्ट के मुताबिक एशिया, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीकी देश जो काम आय पर जीविका चलाने वाले बड़ी जनसंख्या के देश हैं, वे सभी भविष्य में वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ेंगे।
मिस्र, इंडोनेशिया और रूस जैसे देश जापान और जर्मनी जैसे ताकतवर देशों से आगे निकल जाएंगे। ब्रिक्स देशों के सदस्य अपनी माध्यम वर्ग की जनसंख्या के शहरीकरण और शिक्षा के कारण मजबूती से टिके रहेंगे।
साल 2020 तक भारत का सकल घरेलू उत्पाद 7.8 फीसदी हो जाएगा जबकि चीन के जीडीपी 5 फीसदी का इजाफा होगा। वैश्विक जीडीपी में एशिया की भागीदारी में साल 2018 में 28 फीसदी की वृद्धि होगी। जो साल 2030 तक 35 फीसदी तक पंहुचेगा।
खबरों के मुताबिक शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में चीन को इंडोनेशिया और भारत भी जॉइन करेंगे। साल 2030 में विश्व की शीर्ष 10 संभावित अर्थव्यवस्थाएं यह होंगी:
अमेरिका: संभावित जीडीपी, 6.9 ट्रिलियन डॉलर
जापान, संभावित जीडीपी 7.2 ट्रिलियन डॉलर
रूस, संभावित जीडीपी 7.9 ट्रिलियन डॉलर
मिस्र, संभावित जीडीपी 8.2 ट्रिलियन डॉलर
ब्राज़ील, संभावित जीडीपी 8.6 ट्रिलियन डॉलर
तुर्की, संभावित जीडीपी 9.1 ट्रिलियन डॉलर
इंडोनेशिया, संभावित जीडीपी 10.1 ट्रिलियन डॉलर
अमेरिका, संभावित जीडीपी 31 ट्रिलियन डॉलर
भारत, संभावित जीडीपी 46.3 ट्रिलियन डॉलर
चीन, संभावित जीडीपी 64.2 ट्रिलियन डॉलर