भोपाल, 26 अप्रैल (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के भोपाल संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने अपने बयान पर उपजे विवाद के बाद एक बार फिर यू-टर्न ले लिया है। बगैर नाम लिए दिग्विजय सिंह को आतंकी बताए जाने वाले बयान पर प्रज्ञा ठाकुर ने सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने दिग्विजय को आतंकी नहीं कहा।
साध्वी प्रज्ञा से शुक्रवार को पत्रकारों ने पूछा कि आपने दिग्विजय सिंह के लिए कहा था कि वह आतंकी हैं? इस पर प्रज्ञा ने कहा, “मैंने नहीं कहा आतंकी, वह कह सकते हैं। उन्होंने कहा है, हमने नहीं कहा।”
ज्ञात हो कि भोपाल संसदीय क्षेत्र के सीहोर में गुरुवार को प्रचार कार्यालय का उद्घाटन करते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने बगैर नाम लिए दिग्विजय सिंह पर हमला करते हुए कहा था, “राज्य में 16 साल पहले उमा दीदी ने हराया था और वह 16 साल मुंह नहीं उठा पाया, और राजनीति करने की कोशिश नहीं कर पाया। अब फिर से सिर उठा है तो दूसरी सन्यासी सामने आ गई है, जो उसके कर्मो का प्रत्यक्ष प्रमाण है।”
उन्होंने आगे कहा था, “एक बार फिर ऐसे आतंकी का समापन करने के लिए, बेरोजगारी बढ़ाने वाले लोगों के लिए फिर से सन्यासी को खड़ा होना पड़ा है। अब जब समापन होगा, तो फिर कभी उग नहीं पाएगा।”
भोपाल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा लगातार दिग्विजय सिंह और कांग्रेस पर हमले कर रही हैं। भोपाल में 12 मई को मतदान होना है।
इससे पहले प्रज्ञा ठाकुर महाराष्ट्र के एटीएस प्रमुख रहे और आतंकियों की गोली से शहीद हुए हेमंत करकरे पर विवादित टिप्पणी कर चुकी हैं। उसके बाद अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने पर भी उन्होंने विवादित बयान दिए हैं। इन दोनों मामलों पर चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किए थे।
हेमंत करकरे को लेकर दिए गए नोटिस के जवाब मे प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था, “मैंने शहीद का अपमान नहीं किया है। मुझे जो यातनाएं दी गईं, केवल उसी का जिक्र किया है।”
उसके बाद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था, “हमें बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने का अफसोस नहीं है, ढांचा गिराने पर तो हम गर्व करते हैं। हमारे प्रभु रामजी के मंदिर पर अपशिष्ट पदार्थ थे, उनको हमने हटा दिया।”
प्रज्ञा ठाकुर ने आगे कहा था, “हम गर्व करते हैं, इस पर हमारा स्वाभिमान जागा है, प्रभु राम जी का भव्य मंदिर भी बनाएंगे। हमने ढांचा तोड़कर हिंदुओं के स्वाभिमान को जागृत किया है। वहां भव्य मंदिर बनाकर भगवान की आराधना करेंगे, आनंद पाएंगे।”
प्रज्ञा के इस बयान पर भी चुनाव आयेाग ने नोटिस जारी किया था। इस पर प्रज्ञा की ओर से जवाब दिया गया, जिसे आयोग ने अस्वीकार करते हुए उन पर आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज कराया था।