‘नॉर्थेर्न रेलवे मैन यूनियन दिल्ली यूनिट’ की स्टैंडिंग कमिटी में ‘पे पैनल’ की तरफ से की गयी सिफारिशें जिसमे रेलवे कर्मचारियों के ड्रेस अलाउंस का पेमेंट ना होने का मुद्दा उठा।
उन्होंने ये भी कहा कि 2017 में भी उन्हें ड्रेस अलाउंस का पेमेंट नहीं मिला था और नाही इस साल मिला। वे इस पर कड़ा विरोध करेंगे।
स्टाफ के लिए ड्रेस अलाउंस जिन्हे यूनिफार्म मिलता है और उन्हें उसे रोज़ पहनना पड़ता है जिनमे आते हैं ट्रैकमैन, इंडियन रेलवेज का रनिंग स्टाफ,स्टाफ कार ड्राइवर, उन्हें 5000 में फिक्स करने की बात कही गयी थी। इंडियन रेलवेज के स्टेशन मास्टर के लिए अलाउंस एक साल में 10,000 का रेट दिया गया था। बाकि सिफारिशें हैं-
- यूनिफार्म की धुलाई का खरचा ड्रेस अलाउंस में ही आएगा। उसे अलग से नहीं दिया जाएगा।
- ड्रेस अलाउंस की कीमत कर्मचारी के सैलरी में सीधी पहुचेगी साल में एक बार।
- ये अलाउंस सिर्फ कर्मचारी के बेसिक यूनिफार्म के लिए होगा। कोई खास क्लोथिंग जैसे ग्लेशियर के लिए या सबमरीन के लिए, वो जिम्मेदार मंत्रालय ही देगा।
- इंडियन फॉरेन सर्विस ऑफिसर्स और कर्मचारियों को दिया गया ऑउटफिट अलाउंस उन्हें जैसा मिलता आ रहा था वैसा ही मिलेगा, 50% से बढ़ाके।
- ये रेट हर बार 25% से बढ़ जाएंगे तबतक डेअरनेस अलाउंस 50% से बढ़ रहा है।