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    सातवां वेतन आयोग की सिफारिशें

    केंद्रीय कर्मचारी संगठन सरकार से मिनिमिम बेसिक सैलरी 18000 रूपए महीने से बढ़ाकर 26 हजार रूपए तथा फिटमेंट फेक्टर 2.57 गुना की जगह 3.68 गुना करने की मांग कर रहे थे। लेकिन भारत सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप ही कर्मचारियों को मिनीमिम बेसिक सैलरी मुहैया कराएगी। सातवें वेतन आयोग के हिसाब से केंद्रीय कर्मचारियों को मिनिमम बेसिक सैलरी 18 हजार रूपए ही मिलेगी। मीडिया खबरों के अनुसार सरकार अब सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों की मिनिमम बैसिक सैलरी निर्धारित करेगी।

    दर्जनभर कर्मचारी संगठनों द्वारा विरोध शुरू

    सातवें वेतन आयोग की इस सिफरिशों का करीब दर्जनभर कर्मचारी संगठनों ने अभी से विरोध करना शुरू कर दिया है। कानपुर,रायबरेली तथा लखनऊ के केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने सातवें वेतनआयोग की सिफारिशों को मानने से इनकार कर दिया है। इनमें उत्तर रेलवे मेन्स यूनियन, आॅर्डिनेन्स इम्पलाइज यूनियन, केंद्रीय प्रदूषण विभाग कर्मचारी संघ सहित दर्जनभर संगठन शामिल हैं।

    कर्मचारियों की उम्मीदें

    सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लिए बनाई नेशनल अनोमली कमेटी से केंद्रीय कर्मचारियों ने काफी उम्मीदें लगा रखी थी कि, कर्मचारियों को आशा थी कि उनकी मिनिमम वेतन सैलरी 18 हजार से बढ़ाकर 21000 रूपए कर दी जाएगी। यहां तक कि कमेटी फिटमेंट फेक्टर भी 2.57 से बढ़ाकर 3.00 करने का सरकार को सुझाव देगी।

    हांलाकि केंद्रीय कर्मचारियों के दिव्यांग बच्चों को मिलने वाले पढ़ाई भत्ते में सरकार ने इजाफा कर दिया है। आपको बता दें कि पहले पढ़ाई भत्ता 30,000 रुपए मिलता था लेकिन सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद दिव्यांग बच्चों का पढ़ाई भत्ता 54,000 रुपए सालाना कर दिया गया है।

    नया एचआरए प्रस्ताव से खुश नहीं कर्मचारी

    सरकार ने नए फैसले के मुताबिक एक्स,वाई और जेड कैटगरी शहरों के लिए क्रमश: 24, 16 और 8 फीसदी एचआरए निर्धारित किया गया है। आईए देखें, निम्नलिखित श्रेणी के कर्मचारियो को मिलेगा इतना एचआर…

    • एक्स श्रेणी शहरों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए 5400 रूपए
    • वाई श्रेणी शहरों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए 3600 रूपए
    • जेड श्रेणी शहरों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए 18 00 रूपए

    इन नए एचआर प्रस्ताव के तहत करीब साढ़े सात लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे। एक्स, वाई और जेड कैटगरी शहरों के कर्मचारी इस नए एचआरए प्रस्ताव से खुश नहीं हैं। केंद्रीय कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष दयाराम अवस्थी का कहना है कि संगठन इस नए एचआरए प्रस्ताव का मजबूती के साथ विरोध करेंगे।

    महंगाई भत्ते का दो चरणों में होगा संशोधन

    सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार महंगाई भत्ते में भी संशोधन किया जाएगा। नियमानुसार महंगाई भत्ता के 50 फीसदी पार करते ही एक्स, वाई और जेड श्रेणी के शहरों में एचआरए क्रमश: 27, 18 और 9 फीसदी होगा। जबकि यही महंगाई भत्ता 100 फीसदी होने पर इन उपरोक्त श्रेणी के शहरों में एचआरए क्रमश: 30, 20 और 10 फीसदी होगा।

    इन विभागों के भत्ते में हुई बढ़ोतरी

    अब पेंशनर्स को मेडिकल भत्ता 500 रूपए की जगह 1000 रूपए प्रतिमाह देने का निर्णय लिया गया है। नर्सिंग भत्ते को भी 4800 प्रतिमाह से बढ़ाकर 7200 रूपए प्रतिमाह करने का निर्णय लिया गया है। ऑपरेशन थियेटर भत्ते में भी इजाफा किया गया है। अब यह भत्ता 360 रुपए प्रतिमाह की जगह 540 प्रतिमाह कर दिया गया है।

    वहीं हॉस्पिटल पेशेंट केयर भत्ता पहले 2070 से 2100 रूपए प्रतिमाह था लेकिन अब इसमें इजाफा कर 4100-5300 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है। विकलांग कर्मचारियों की सौ फीसदी उपस्थिति पर भत्ते को बढ़ाकर 6750 रूपए कर दिया गया है, जबकि यही भत्ता विकलांगों को पहले 4500 रूपए प्रतिमाह मिलता था।

    सियाचिन में तैनात जवानों के भत्ते में बढ़ोतरी

    सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब सेना के जिन जवानों की तैनात सियाचीन में होगी, उन्हें बतौर भत्ता हर महीने 14000 की जगह 30000 रुपए दिए जाएंगे। वहीं सियाचिन में तैनात सैन्य अधिकारियों का वेतन भत्ता 42500 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। जबकि सियाचिन में तैनात सेना के अधिकारियों को वेतन भत्ते के रूप में प्रतिमाह मात्र 21000 रुपए मिलते थे।

    सातवें वेतन आयोग की इन सिफारिशों को भी मिली मंजूरी

    • अधिकतम दो बच्चों के लिए लागू चिल्ड्रेन एजुकेशन भत्ते को बढ़ाकर हर महीने प्रति बच्चा 2250 रूपए कर दिया गया है। जबकि एक बच्चे को यही चिल्ड्रेन एजुकेशन भत्ता पहले 1500 रूपए मिलता था।
    • विकलांग महिलाओं को बच्चों की परवरिश के लिए पहले 1500 रूपए प्रतिमाह भत्ते दिए जाते थे, लेकिन यह भत्ता अब बढ़ाकर 3000 रूपए प्रतिमाह कर दिया गया है।
    •  हायर एजुकेशन अलाउंस में बढ़ोतरी की गई है। अब हायर एजुकेशन अलाउंस को 10000-30000 के दायरे में ला दिया गया है, जबकि यही दायरा पहले 2000-10000 रूपए के बीच था।