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    सागरमाला परियोजना sagarmala project in hindi

    विषय-सूचि


    सागरमाला परियोजना भारत के जहाजरानी मंत्रालय का बंदरगाहों से जुड़ा विकास परियोजना है। मंत्रालय का मानना है कि इस परियोजना के चलते निवेश कल विषयकों (logistic) के क्षेत्र में हर साल लगभग Rs. 40,000 करोड़ की बचत होगी।

    सागरमाला परियोजना का महत्व (Importance of Sagarmala Project in Hindi)

    वर्तमान में भारत का मूल्य के हिसाब से 95% व्यापार और आयतन के हिसाब से 70% व्यापार समुद्री परिवहन के हिसाब से होता है। बुनियादी सुविधाओं और बंदरगाह सम्बंधित विकसित तकनीकियों के आभाव के कारण भारत उच्च गुणवत्ता वाले अंतरास्ट्रीय व्यापार से होने वाले फायदों से वंचित रह जा रहा है।

    अन्य देशों जैसे चीन, जापान और अन्य विकसित देशों की तुलना में भारतीय समुद्री परिवहनों के द्वारा की जाने वाली जहाजरानी व्यापार का भाव काफी महंगा है। इसके कारण भारतीय सामान अन्तराष्ट्रीय बाजारों में अपनी गुणवत्ता के हिसाब से बिक नहीं पा रहे हैं।

    अन्य विकसित देशों ने सफलता पूर्वक अपने बंदरगाहों को गुणवत्ता के हिसाब से विकसित कर लिया है। अन्तराष्ट्रीय व्यापार स्पर्धा में बने रहने के लिए भारत भी अब ऐसा कर रहा है। अतः लॉजिस्टिक खर्चों को कम करने के लिए और भारत के जहाजरानी व्यापार को और मजबूत बनाने के लिए सागरमाला परियोजना पर सरकार काम कर रही है।

    सागरमाला परियोजना का उद्देश्य (Objective – Sagarmala Project in Hindi)

    इस परियोजना के तहत बंदरगाहों की कार्य सम्बन्धी गुणवत्ता को और बेहतर किया जाएगा एवं टर्मिनलों की संख्या बढ़ाई जाएगी जिससे ज्यादा जहाजों पर माल लादने और उतारने की सुविधा हो सके। लॉजिस्टिक सुविधाओं को बेहतर किया जाएगा। बंदरगाहों को रोड, रेल और हवाई सेवाओं से जोड़ा जाएगा। अधिक सुधर के लिए बंदरगाहों की काबिलियत को पहचाना जाएगा। नए बंदरगाह बनेंगे। सभी बंदरगाहों का आधुनिकीकरण होगा।

    परियोजना के तहत होने वाले कार्य

    इस परियोजना के तहत देश के 12 प्रमुख 180 छोटे बड़े बंदरगाहों को एक दूसरे से जोड़ा जाएगा। इससे एक मजबूत जलीय नेविगेशनल प्रणाली बन कर तैयार होगा।

    इसको पूरा करने के लिए प्रथम चरण में लगभग Rs 692 करोड़ लगाया गया है। इसमें से Rs 500 करोड़ पूंजी विशेष उद्देश्य हेतु वाहनों के लिए लगाया गया है। Rs 100 करोड़ की पूंजी 12 प्रमुख बंदरगाहों में निवेश किया जाएगा।

    परियोजना के तहत दिए गए सुझाव 

    इस परियोजना को बेहतर बनाने के लिए यह सुझाव दिया गया है कि बंदरगाहों के द्वारा थोक वस्तुओं जैसे कोयला, स्टील, सीमेंट आदि के व्यापर को बढ़ावा दिया जाये।

    इन थोक वस्तुओं के व्यापार के लिए बंदरगाहों पर अलग अलग समूहों (cluster) का निर्माण किया जाये। बंदरगाहों को राष्ट्रीय राजमार्ग, पास के हवाई अड्डा और रेल मार्ग से जोड़ा जाये। ट्रांसशिपमेंट बंदरगाहों की व्यवस्था हो जिसके तहत समुद्र में ही एक समुद्री जहाज से दूसरे में माल लादने और उतारने की सुविधा हो।

    अन्य तथ्य

    • इस परियोजना के तहत सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल), वाधवान (महाराष्ट्र), तदादी (कर्नाटक), मछलीपट्नम (आंध्र प्रदेश), कोलचेल (तमिलनाडु), विनाझिम अंतराष्ट्रीय बंदरगाह (केरला) आता है।
    • सागरमाला परियोजना हिन्द महासागर में भारत का वर्चस्व बनाए रखने का एक तरीका है।
    • इससे भारतीय नेवी के रक्षा सम्बन्धी वर्चस्व को बढ़ावा मिलेगा। हिन्द महासागर में भारतीय नेवी के कई ऑपरेशन बिना रोक-टोक के हो सकेंगे।

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