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    sakshi malik

    भारत की कुश्ती खिलाड़ी महिला साक्षी मलिक के लिए अबतक का सत्र बहुत खराब रहा है, तो वह इस वक्त अपने ऊपर कड़ी महनत कर रही है और यह सीख रही है कि मैट पर मुकाबलो को आखिरी समय मे कैसे अपने पक्ष मे किया जाता है।

    साक्षी मलिक के लिए यह साल बिलकुल भी अच्छा नही रहा और उनको पूरे साल निराशाजनक नतीजो का सामना करना पड़ा, राष्ट्रमंडल खेलो मे भी वह पहले दौर मे ही बाहर हो गई थी लेकिन रेपेचेज की बदौलत उन्होने अपने नाम कांस्य पदक किया।

    रोहतक की इस कुश्ती खिलाड़ी को एशियन चैंपियनशिप मे भी कांस्य पदक से ही संतुष्टी करनी पड़ी और अपने अगले मुकाबले यासर दोगू से हार गई।

    लेकिन उसके बाद एशियाई खेलो मे फिर से उन्होने निराश किया और उन्हे खाली हाथ घर लौटना पड़ा वह उस प्रतियोगिता से निराशाजनक तरीके से बाहर हुई थी।

    पीटीआई से बात करते हुए साक्षी मलिक ने बताया कि “मै एक-एक करके अपने सभी मुकाबलो का संदर्भ करती हू चाहे मे उसमे हारी हूं या जीती हूं, उन्होने कहा कि मैने अपनी गलतिया देखी जहा पर मैने विपक्षी खिलाड़ियो को प्वाइंट्स दिए और अब अपने इस लापरवाह खेल को सुधारने के लिए बहुत महनत कर रही हूं। मेरे वजन के अनुसार मेरे मे बहुत ताकत है लेकिन कुश्ती ताकत के साथ दिमाग और तकनीकी का खेल भी है, आप एक चीज मे बढ़कर मैच नही जीत सकते।”

    रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता ने इस साल बहुत मैचो मे मात खाई, जिसमे उन्होने अपनी आखिरी मौको पर राष्ट्रमंडल ओर ऐशियन गेम्स मे कांस्य पदक जीता भी जीता था। साक्षी मलिक ने कहा कि “मैं अपने बाउट्स के अंत मे कैसे धैर्य मे रहना है सीख रही हूं क्योकि बाउट्स के आखिरी सैकेंड बहुत महत्वपूर्ण होते है और उसके लिए मुझको खुद को ध्यान पर रखना जरुरी है।”

    राष्ट्रीय संघ द्वारा साक्षी मलिक को इस बार ग्रेड-बी की सूची मे रखा गया था जिसमे खिलाड़ी को साल के 20 लाख रुपय मिलते है।

    ग्रेड-बी कैटगिरी मे रखने के संदर्भ मे साक्षी मलिक ने कहा था कि मेरे ऊपर कोई दबाव नही है कि खिलाड़ियो को उनके प्रदर्शन के ऊपर आधारित करके कैटिगिरी मे चुना जाता है, अगर मैं अब अच्छा प्रदर्शन करुंगी तो अगले साल मे फिर ग्रेड-ए मे आ सकती हूं, लेकिन उन्होने रिपोर्ट के बीच कहा कि उनको जल्द ही ग्रेड-ए मे दोबारा जगह मिल जाएगी।

    साक्षी मलिक ने कहा की एक एथलीट की जिंदगी मे हार जीत चलती रहेती है, लेकिन मै हमेशा आगे अच्छा प्रदर्शन देने की सोचती हूं, मुझे कश्ती से प्यार है जो की मेरे अंदर आत्मविश्वास भरता है।

    साक्षी ने कहा कि ” इस वक्त मेरा लक्ष्य 2019 विश्व चैंपियनशिप मे क्वालिफाई करने का है, औऱ मेने अभी आगे आने वाले प्रो रेसलिंग लीग मे भी भाग लिया है।”

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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