विषय-सूचि
साउंड कार्ड क्या है? (definition of sound card in hindi)
परिभाषा – यह कम्प्युटर से साउंड निकालने में मदद करता है। यह एक तरह का आंतरिक एक्सपेनशन कार्ड होता है जो की कम्प्युटर के प्रोग्राम के द्वारा इनपुट और आउटपुट के औडियो सिग्नल में मदद करता है। यह बाहरी औडियो उपकरणों में भी काम आते हैं जिनहे हम बिज़नेस के लिए इस्तेमाल करते हैं।
साउंड कार्ड का अतीत (history of sound card in hindi)
आजकल साउंड कार्ड एक तरह के हार्डवेयर होते हैं जो की आयताकार आकार में होते हैं। यह मदरबोर्ड में पीसीआई की मदद से लगाए जाते हैं उसके बाद ही यह स्पीकर और माइक से जोड़े जाते हैं, जिससे की कम्प्युटर की मदद से यह आवाज़ निकाल सकें।
पहले के कम्प्युटरों में साउंड कार्ड नहीं होता था क्योंकि उस वक़्त यह सामान्य कामों में काम नहीं आता था जिसके लिए कम्प्युटर बनाए गए हैं।
पहले के उपकरणों में आंतरिक स्पीकर होते थे जो की सामान्य औडियो निकाल देता था। जैसे जैसे कम्प्युटर 1980 में बाज़ार में निकलते गए उसके बाद धीरे धीरे बनाने वालों को लगा की साउंड भी हमारे लिए आवश्यक है।
कुछ एप्स और सामान्य कामों के लिए इस तरह के उपकरण बनाए गए। आईबीएम जैसे कंपनीयों ने एदलीब और क्रिएटिव लैब जैसे साउंड कार्ड बनाए जो की नई तरह की साउंड तकनीकी पर काम करते थे। इन साउंड कार्ड का प्रदर्शन भी काफी अच्छा था।
1980 के बाद कम्प्युटर बाज़ार में साउंड कार्ड के साथ आने लगा। शुरुआत में यह साउंड कार्ड कुछ ही एप्स में चलते थे।
यह गाने बजाने और कुछ गेम में ही साउंड निकालने का काम करते थे। इसके बाद साउंड कार्ड की तकनीकी ने गति पकड़ ली और यह नए नए सॉफ्टवेयर और एप्स में काम करने लगा।
साउंड कार्ड के कार्य (function of sound card in hindi)
औडियो फाइल भी कम्प्युटर में और चीजों की तरह ही रहती हैं। यह डिजिटल जानकारी की तरह बहुत तरह के साउंड को स्टोर करके रखती है।
यह उन अनैलॉग वेव को फैलाती है जो हमारे कानों पर जाके दस्तक दे सके। साउंड कार्ड जो होता है वह डिजिटल कोड से उसे औडियो में बदलता है और साउंड वेव्स को बनाता है।
इसको करने के लिए कार्ड डीएसी यानिकी डिजिटल अनैलॉग कन्वर्टर का इस्तेमाल करता है। कन्वर्टर का काम औडियो फाइलों को इलैक्ट्रिकल इंपल्स में बदलना होता है जो की साउंड कार्ड से स्पीकर तक जाती है।
स्पीकर के ड्राईवर इसके बाद इलैक्ट्रिकल इंपल्स को साउंड वेव में बदल देते हैं। जीतने भी स्पीकर होते हैं चाहे वह अंदर लगते हों या फिर बाहर सभी में साउंड कार्ड लगाया जाता है जिससे की वह सही से काम कर सकें।
साउंड कार्ड के कई महतव्पुर्ण काम होते हैं। उन्हे यह सारे काम कई बार उल्टी तरीके से भी करने पड़ते हैं। यदि आपके कम्प्युटर में माइक है तो यह भी साउंड कार्ड की मदद से ही काम करता है।
इस जगह पर साउंड कार्ड एडीसी यानिकी अनैलॉग टू डिजिटल कन्वर्टर का इस्तेमाल करता है। यह एडीसी साउंड वेव को कोड में बदल कर एक औडियो फाइल बना देता है।
साउंड कार्ड एमआईडीआई इंटरफ़ेस की तरह भी काम करता है जिनको एलेक्ट्रोनिक साउंड बनाना होता है उनके लिए यह काफी उपयोगी होता है।
आजकल के साउंड कार्ड काफी सक्षम हो गए हैं जिससे की इनकी कीमत कम हो रही है जिससे की ज्यादा लोग इनका आसानी से इस्तेमाल कर सकें।
वॉइस और चैनल (voice and channel)
साउंड कार्ड में वॉइस और चैनल दोनों ही होते हैं। आइए जानते हैं की यह दोनों क्या होते हैं।
वॉइस – वॉइस का मतलब है की कितनी तरह की ध्वनि यानि की साउंड एक समय में वह कार्ड किन किन स्त्रोतों से निकाल सकता है। जब भी आपका कम्प्युटर लॉग इन करते ही ध्वनि निकालता है और ईमेल आते ही आवाज़ निकालता है यह सभी इसकी वजह से ही संभव हो पाता है। बनाने वाला साउंड कार्ड में काफी तरह के साउंड डालता है सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की मदद से क्योंकि पहला जो काम साउंड कार्ड का होता है वह एलेक्ट्रोनिक म्यूजिक को निकालना होता है। पहले के साउंड कार्ड में 9 से 18 वॉइस ही होती थी। उसके बाद इनकी संख्या बढ़ती गयी और यह 64 हो गयी जो की सॉफ्टवेयर की मदद से 32 और हार्डवेयर की मदद से 32 हो गयी। आजकल के साउंड कार्ड हार्डवेयर से ज्यादा सॉफ्टवेयर पर काम करते हैं। वह यह देखते हैं की सॉफ्टवेयर की मदद से कितनी तरह की आवाज़ें निकाली जाती है।
चैनल – कई बार लोग चैनल और वॉइस को एक ही मानते हैं। यह पुराने मतलब से यह माना जाता है की कितनी तरह के औडियो आउटपुट एक साउंड कार्ड निकलता है। आजकल के स्टीरियो चैनल के दो चैनल होते हैं 2.1 में सबवूफर होता है, 5.1 में आस पास का साउंड भी होता है और 7.1 का सबसे बेहतरीन साउंड होता है। सबसे महतव्पुर्ण बात यह है की आपको यह देखना चाहिए की आपका साउंड कार्ड ज्यादा से ज्यादा औडियो सिस्टम से जुड़ पाये।
साउंड कार्ड का अपग्रेड (sound card upgrade in hindi)
साउंड कार्ड को हम दूसरे कार्ड से रिप्लेस कर सकते हैं जिसकी हम आसानी से मरम्मत कर पाएँ और बदलने में भी काफी आसान हो जिससे की हम नई तकनीक आने पर उसे बदल सकें। साउंड का हार्डवेयर जो मदरबोर्ड में होता है वह हटाया नहीं जा सकता लेकिन इसे हम डिसेबल कर सकते हैं।
अच्छे वाले साउंड कार्ड हमे अच्छे औडियो देते हैं इससे हमें डिजिटल साउंड भी मिलता है और इससे प्रोसेसिंग की क्षमता भी बढ़ जाती है। इसकी वजह से सीपीयू पर कम भार पड़ता है और हम आसानी से काम कर सकते हैं।
एक्सटर्नल साउंड कार्ड भी आते हैं जिनहे हम यूएसबी पोर्ट की मदद से जोड़ सकते हैं जिससे के साउंड मैनेजमेंट काफी अच्छा हो।
आप दोनों तरह के ही साउंड कार्ड खरीद सकते हैं जो भी आपके लिए उपयोगी हो और चलाने में आसान हो। कुछ साउंड कार्ड महंगे भी होते हैं इसलिए जो भी साउंड कार्ड ले सोच समझ कर ही ले।
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