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    सिंधु, मारिन, साइना

    यह रोज-रोज नही होता है कि भारत के दो बेडमिंटन स्टार पीवी सिंधु और साइना नहवाल एक मंच में नजर आए। इस मंच में उनके साथ तीन बार विश्व चैंपियन रह चुकी कैरोलिना मारिन भी शामिल थी। यह तीनो खिलाड़ी कल हैदराबाद में स्थित टाइम्स ऑफ इंडिया के ऑफिस में नजर आयी थी।

    बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन ने विश्व में बैडमिंटन में 15 शीर्ष खिलाड़ियो के लिए एक योजना बनाई थी, जहा उन्होने कहा था टॉप-15 खिलाड़ियो को साल में कम से कम 12 टूर्नामेंटो में भाग लेना होगा। यह नियम साल 2018 में बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन द्वारा बनाया गया था। इस संदर्भ में तीन महान बैडमिंटन खिलाड़ियो ने कहा है कि एक साल में इतने ज्यादा टूर्नामेंट खेलने से खिलाड़ियो को ज्यादा चोटे आ सकती है, इससे बहतर है की साल में टेनिस की तरह सिर्फ 4-5 ग्रैंड स्लैम हो। अगर बैडमिंटन में ही कम टूर्नामेंट कर दिये जाए तो इससे खिलाड़ी हर टूर्नामेंट में एक फिट और फ्रेश के साथ भाग ले पाएंगे। अब विश्व बैडमिंटन के शीर्ष -15 खिलाड़ियो को 12 महीने में 12 टूर्नामेंट खेलने है।

    साइना नेहवाल जिन्हें अपने करियर में बहुच चोटों का सामना करना पड़ा है- उन्होने कहां ” अगर साल में टूर्नामेंट थोड़े कम कर दिए जाए तो इससे खिलाड़ियो को इंजरी नही होगी।” इसके बाद है उन्होने कहा हमे साल में 20 टूर्नामेंट खेलने की कोई जरूरत नही है अगर टेनिस की तरह साल में सिर्फ 4 या 5 टूर्नामेंट हो तो।

    वही उनके साथ में बैठी ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट पीवी सिंधु अपने सिनियर खिलाड़ी की इस बात से बिलकुल सहमत दिखी। उन्होनें कहा, “अगर ऐसा ही रहा तो हम अपना बेस्ट नही दे पाएंगे और बैडमिंटन टूर्नामेंटो को कम करना चाहिए जिससे खिलाड़ियो को तैयारी के लिए ज्यादा समय मिलेगा।”

    इस मंच से स्पेन की स्टार खिलाड़ी कैरोलिना जो अब तक तीन बार विश्व चैंपियन विजेता रह चुकी है उन्होने कहा ” अगर वह खिलाड़ियो को पेशेवर बने रहने देना चाहते है तो उन्हे खिलाड़ियो के साथ ऐसा कुछ नही करना चाहिए। अभी वह खिलाड़ियो को ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट खेलने के लिए मजबूर कर रहे है जिससे खिलाड़ि चोटिल भी हो रहे है।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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