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इमरान खान

पुलवामा आतंकी हमले में पाकिस्तानी समर्थित जैश ए मोहम्मद के खिलाफ कोई सबूत भारत इस्लामाबाद को नहीं देगा। अलबत्ता इस हमले में पाकिस्तान की भूमिका से सम्बंधित सबूत मित्र देशों को मुहैया करेगा, ताकि पाकिस्तान की आतंकियों को पनाह देने की पोल खुल सके।

अधिकारी ने बताया कि “सरकार में कोई भी पाकिस्तान को सबूत करने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि बीते अनुभव कुछ ख़ास नहीं रहे हैं। भारत सरकार ने मुंबई हमले और पठानकोट एयरबेस हमले में पाकिस्तान स्थित उग्र तत्वों के खिलाफ सबूत दिए थे, इस्लामाबाद ने साजिशकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी।”

अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान को सबूत देने का कोई सवाल नहीं उठता है। इसके बजाये हम मित्र देशों को सबूत मुहैया करेंगे ताकि पुलवामा और भारतीय सरजमीं पर हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान में स्थित आतंकी तत्वों की सच्चाई सामने आ जाए।

पाक को वैश्विक स्तर पर बेनकाब करना

पठानकोट एयरबेस मामले में पाकिस्तान ने दावा किया था कि भारतीय विभाग इस आतंकी हमले में पाकिस्तानी स्थित आतंकियों के शामिल होने के पर्याप्त सबूत मुहैया करने में विफल रहा था। अधिकारी ने कहा कि “जब पाकिस्तान की तरफ से ऐसी प्रतिक्रिया आएगी, तो उनसे संपर्क साधने का कोई सवाल नहीं बनता है। अब हमारा प्राथमिक लक्ष्य वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब करना है।

अरुण जेटली ने की पाक पीएम की निंदा

मंगलवार शाम को कैबिनेट में अरुण जेटली ने कहा कि “पाक पीएम का यह बयान जुर्म को स्वीकार करना है और इस गुनाह के साजिशकर्ता, उस देश में हैं जहां के प्रधानमंत्री श्री इमरान खान है।” कैबिनेट मंत्री ने कहा कि “पाकिस्तान प्रधानमंत्री ने पुलवामा आतंकी हमले की न निंदा की और न शहीदों के परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्ति की थी।”

वीडियो सन्देश के जरिये पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि “पाकिस्तान पर हमला ‘अटैक पाकिस्तान’ चुनावों के मद्देनज़र किया जा रहा है। लेकिन अगर यह सब गंभीर है तो एक बात स्पष्ट है कि, पाकिस्तान बदला लेने की सोचेगा नहीं, प्रतिकार करेगा।”

इस पर अरुण जेटली ने कहा कि “हमारे सुरक्षा बल हालातों को सँभालने में सक्षम है। साजिशकर्ताओं का विनाश किया जाएगा। हमारे सुरक्षा बल निरंतर इस पर निगरानी रखेंगे। वैश्विक समुदाय ने भारत के रुख का समर्थन किया है।”

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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