Sat. May 11th, 2024
सविता

भारतीय महिला हॉकी टीम ने भले ही मलेशिया के खिलाफ अपनी पांच मैचों की श्रृंखला 4-1 से जीती हो, लेकिन पहले दो मैचों में बाधा डालते हुए, टीम काफी बेहतर होने के बावजूद स्कोर करने के लिए संघर्ष करती रही। यह कोच के लिए चिंता की बात थी लेकिन खिलाड़ियों का मानना है कि अनुभव आगे बढ़ने में काम आएगा।

चोटिल रानी रामपाल की अनुपस्थिती में टीम की कप्तानी अनुभवी गोलकीपर सविता कर रही थी और उन्होने श्रृंखला जीतने के बाद कहा यह सीरीज सीखने के लिए बहुत अच्छी है।

सविता ने शुक्रवार को कहा, ” एक कप्तान के रुप में मेरे ऊपर थोड़ा ज्यादा दबाव था। लेकिन एक गोलकीपर के रुप में, मैं कह सकती हू कि सभी सीनियर खिलाड़ी ने बराबर जिम्मेदारी निभाई। केवल इतना ही है कि मैं पीछे से कर सकती हूं ताकि दीप ग्रेस को पसंद करने में मदद मिले।”

कोच सोज़र्ड मारिजने, जो अगले शिविर से पहले एक हफ्ते के लिए छुट्टियों पर गए है उन्होने टीम की स्कोरिंग को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है।

उन्होने कहा, ” हमें परिवर्तित गोल पर काम करने की जरूरत है। मुझे खुशी है कि हम कई बार विपक्षी टीम के गोले में घुसे। हमने कई मौके बनाए लेकिन हमें एक छोटे सी जगह में गोल करने में काम करना होगा। इस दौरे ने हमें मलेशिया जैसी बेहद रक्षात्मक टीम के खिलाफ खेलने के तरीके के बारे में अधिक जानकारी दी है।”

सविता उनकी बात से सहमत थी उन्होने कहा, ” हमने स्पैन के खिलाफ खेला जो हमसे रैंक में ऊपर टीम है और वह अटैंकिंग गेम खेल रहे थे। हॉकी सीरीज के फाइनल में, हम जिन टीमों के खिलाफ होंगे, उनमें से अधिकांश को नीचे स्थान दिया जाएगा और बहुत रक्षात्मक खेल होगा। इस लिहाज से यह दौरा खुद को रक्षात्मक टीमों के खिलाफ तैयार करने और अतीत को तोड़ने के तरीकों पर काम करने में काफी मददगार था।”

By अंकुर पटवाल

अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *