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    सुप्रीम कोर्ट अनिल बैजल

    नई दिल्ली, 1 जुलाई (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय सोमवार को महाराष्ट्र में बीफ पर प्रतिबंध से संबंधित मामलों की सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है।

    हालांकि सर्वोच्च न्यायालय की एक न्यायाधीश ने इस सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा ने यह कहते हुए खुद को इस मामले से अलग कर लिया कि वे इससे पहले एक वकील के तौर पर एक राजनीतिक दल से जुड़ी थीं।

    पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति अभय सप्रे ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने पीठ के समक्ष तीन मामले याचिकाएं पेश की हैं।

    सर्वोच्च न्यायालय में विभिन्न मुद्दों को चुनौती देने वाली याचिकाएं और प्रतियाचिकाएं दाखिल की गई हैं। इन मुद्दों में गोकशी पर प्रतिबंध, मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा महाराष्ट्र में बाहर से लाए गए बीफ को रखने तथा उसे खाने की अनुमति देने और महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य में बीफ लाने या घर पर रखने को अपराध मानने के कानून को दोबारा लाने वाली याचिका है।

    वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह मामले में हस्तक्षेप करने वालों में से एक की प्रतिनिधि हैं।

    इस मामले में लगभग 30 याचिकाएं दायर की गई हैं।

    सामाजिक कार्यकर्ता स्वातिजा परांजपे की अगुआई में कुछ लोगों ने बीफ से प्रतिबंध हटाने और पसंद के भोजन का वैधीकरण करने की भी अपील की है, जिसके अंतर्गत बीफ खाने वाले किसी व्यक्ति पर आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया जाएगा।

    अदालत ने कहा कि उपयुक्त पीठ मामले को संविधान पीठ के पास भेजने की मांग वाली इंदिरा की याचिका पर भी फैसला लेगी।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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