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    चेन्नई, 3 जुलाई (आईएएनएस)| शीर्ष अदालत के फैसले के अनुवाद क्षेत्रीय भाषाओं में कराने के निर्णय का स्वागत करते हुए द्रमुक (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम)अध्यक्ष एम.के.स्टालिन ने बुधवार को कहा कि तमिल भाषा का इस सूची में नहीं होना निराशाजनक है। यहां जारी एक बयान में स्टालिन ने समाचार रिपोर्टों का जिक्र करते हुए कहा कि यह पढ़कर खुशी हुई कि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों का अनुवाद क्षेत्रीय भाषाओं में कराने के पक्ष में है।

    स्टालिन ने कहा कि इस पहल के परिणामस्वरूप सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों को पांच भाषाओं में प्राप्त होने का अवसर है। इसमें कन्नड़ व तेलुगू शामिल हैं।

    उन्होंने कहा कि तमिल देश की आधिकारिक भाषाओं में से एक है और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों का तमिल में अनुवाद तमिलनाडु के लोगों की बड़ी सहायता होगी।

    उन्होंने कहा कि इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय का तमिल भाषा से बचना दुनिया भर के तमिल लोगों के दिमाग में कई तरह का संदेह पैदा करेगा।

    तमिल भारतीय उप महाद्वीप की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है।

    स्टालिन ने न्यायमूर्ति गोगोई से तमिल को क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में शामिल करने का आग्रह किया, जिसमें शीर्ष अदालत के फैसले अनुवाद किए जाएंगे।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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