नई दिल्ली, 15 जुलाई (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने तथ्यों को छिपाने को लेकर सोमवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। उत्तरी दिल्ली नगर निगम पर डीजल वाहन पंजीकरण से संबंधित आदेश प्राप्त करने के लिए अवकाश पीठ के समक्ष तथ्यों को छिपाने को लेकर जुर्माना लगाया गया है।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और दीपक गुप्ता की पीठ ने 16 मई को अवकाश पीठ द्वारा दिए गए अंतरिम आदेश को वापस ले लिया।
आदेश में दिल्ली के परिवहन विभाग को नगर निगम ठोस कचरा नियम (म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट रूल्स) लागू करने के लिए गाद निकालने और नालों व पुलों की सफाई करने के मकसद से छह डीजल चालित जेटिंग मशीनों का पंजीकरण का निर्देश दिया गया।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने अवकाश पीठ को यह नहीं बताया कि सर्वोच्च न्यायालय की नियमित पीठ ने सात मई को इस पर सुनवाई जुलाई में करने के लिए मामले को सूचीबद्ध किया था।
अदालत को जब बताया गया कि 16 मई को उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पक्ष में आदेश पारित किया गया है तो अदालत ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए निगम को इस तरह का कार्य बंद करने को कहा।