गुजरात चुनाव में वादों से लेकर नारों तक सब कुछ बहुत विशेष हैं। हर पार्टी के नारे में कुछ खास हैं। अब हाल ही में कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने का ऐलान करने वाले पाटीदारों ने भी नया नारा निकाला है। बता दें कि पाटीदारों के नेता हार्दिक पटेल ने कुछ शर्तों के साथ कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने का वादा किया हैं।
कभी एक दूसरे के समर्थक पाटीदार और बीजेपी आज चुनाव की इस लड़ाई में आमने सामने हैं। जहां एक तरफ वोटरों को अपने पक्ष में करने की बीजेपी के समक्ष चुनौती हैं तो वहीं हार्दिक पर भी पाटीदार समाज को आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी से अलग करने का दबाव हैं। बता दें कि इस चुनाव में सरदार पटेल को भी शामिल कर लिया गया हैं।
गुजरात में एक बार फिर सरदार पटेल पर राजनीति तेज हो गयी हैं। सरदार पटेल भी पाटीदार समाज से आते थे। सरदार पटेल के नाम से कांग्रेस को घेरने वाली बीजेपी पार्टी अब खुद सरदार पटेल के नाम से घिर गयी हैं। गुजरात में पाटीदार समाज सरदार का नाम लेकर बीजेपी के विरोध में नारे लगा रहा हैं ‘जय सरदार जय पाटीदार’ के नाम से गुजरात गूंज रहा हैं, तो वहीं ‘सरदार लड़े थे गोरों से हम लड़ेंगे चोरों से’ जैसे नारों को भी गुजरात में बड़े ही आसानी से राह चलते सुना जा सकता हैं।
वैसे आपको बता दे कि हार्दिक और राहुल के बीच हुई गुपचुप मीटिंग को पूरा पाटीदार समाज स्वीकार नहीं करता। पाटीदार समाज के ही एक नेता सीके पटेल का कहना है कि ‘युवा कंफ्यूज हैं कि हो क्या रहा है.’ इस मीटिंग के बाद से पटेलों के मुद्दे दिशाहीन हो गए हैं।
चुनाव में एक ही समाज के लोगों के अलग-अलग मतों से यह सवाल उठता हैं कि क्या पाटीदार समाज अपने नेता हार्दिक पटेल से अलग जाकर बीजेपी को वोट करेगा? सवाल यह भी हैं कि अगर कांग्रेस यह चुनाव जीत जाती हैं तो हार्दिक से किये आरक्षण के वादों को राहुल किस तरह संविधान में रहते हुए पूरा करेंगे।
इस चुनाव में किसको फायदा हो रहा हैं इस मुद्दे पर कहना बड़ा ही कठिन हैं। लेकिन इतना तो साफ़ ही हैं कि पाटीदारो के एक बड़े समूह का अपने नेता हार्दिक से अलग मत रखना पुरे पाटीदार समाज का दो हिस्से में बंटने जैसा हैं।