केंद्रीय रेल मंत्री पीयूषने शनिवार को बयान देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र की अध्यक्षता वाली केंद्र सरकार ने रेल बजट को आम बजट के साथ मिलाकर रेल बजट के साथ होने वाले राजनीतिकरण को बंद कर दिया है।
केंद्रीय मंत्री ने अपनी ये बातें इंडिया आइडिया कानक्लेव में कही हैं।
पीयूष गोयल ने इसी के साथ कहा है कि “देश में पिछले 65 सालों में जो भी रेल बजट सामने रखे गए हैं, वे किसी न किसी तरह की राजनीति से प्रेरित थे। ऐसे में उन सभी रेल बजटों का खाका इस बात पर निर्भर करता था कि उस दौरान कौन से चुनाव होने जा रहे हैं।”
इसी के साथ पीयूष गोयल ने कहा है कि “नरेंद्र मोदी ने रेलवे कि कार्यशैली को ही बादल दिया है। इसी के चलते राजनीतिक हष्तक्षेप से बचने के लिए ही हमने रेल बजट को आम बजट के साथ मिला दिया है।”
पीयूष गोयल ने बताया है कि रेलवे की रणनीतियां तीन चीजों पर ही निर्भर रहीं है, सुरक्षा, यात्रियों की सेवा और निवेश का रिटर्न।
इसी के साथ केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि “प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसे बहुत से कार्यों में ध्यान दिया है जिससे देश अंतर्राष्ट्रीय स्टार पर एक बड़ी ताकत के रूप में उभर कर सामने आएगा।”
रेल मंत्री ने बताया है कि डिजिटल तकनीक को पाँच सालों के भीतर गाँव-गाँव में पहुँचाने का जो काम नरेंद्र मोदी ने किया है, उसके लिए इनता वक़्त कम था, लेकिन लगन और धैर्य के चलते यह संभव हो पाया है।
गोयल ने बताया है कि अगले वित्तीय वर्ष तक देश के हर घर में बिजली की सुविधा पहुँचाने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है।
रेलवे के बारे में बात करते हुए पीयूष गोयल ने बताया है कि रेलवे अब डीजल इंजन को इलेक्ट्रिक इंजन में तेज़ी से तब्दील कर रहा है। इसी के साथ रेलवे देश में 100 प्रतिशत ट्रैक का बिजलीकरण करने में लगा हुआ है।