नई दिल्ली, 11 जुलाई (आईएएनएस)| कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर ‘दोहरा मानदंड’ अपनाने व इस तरह से फैसले लेने का आरोप लगाया जैसे ‘किसान अमीरों से कमतर हैं।’ किसानों के आत्महत्या के मुद्दे को लोकसभा में उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश भर के किसान कष्ट में हैं।
राहुल गांधी ने केंद्रीय बजट 2019-20 में किसानों को राहत नहीं देने के लिए ‘ठोस कदम’ नहीं उठाए जाने पर नाखुशी जाहिर की। उन्होंने केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का आग्रह किया।
राहुल ने केंद्र पर अमीर व्यापारियों की तुलना में किसानों को सिर्फ 4.3 लाख करोड़ रुपये की कर रियायत देने पर किसानों की उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाया।
राहुल ने अमीर व्यापारियों को 5.5 लाख करोड़ रुपये की कर्ज माफी दिए जाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “यह शर्मनाक दोहरा मानदंड क्यों? हमारी सरकार ऐसा बर्ताव क्यों कर रही जैसे हमारे किसान अमीरों से कमतर हैं?”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने पांच साल पहले किसानों के लिए कीमत व कृषि ऋण को लेकर कुछ प्रतिबद्धताएं की थीं। जैसा कि देश में किसानों के लिए भयावह स्थिति है, मैं सरकार से इन प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का आग्रह करता हूं।”
उन्होंने कहा, “मैं यह देखकर दुखी हूं कि इस बजट में किसानों को राहत देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।”
केरल में किसानों की ‘भयावह दुर्दशा’ की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए राहुल ने कहा कि वायनाड के एक किसान ने बुधवार को कर्ज की वजह से आत्महत्या कर ली। राहुल वायनाड से सांसद चुने गए हैं।
उन्होंने कहा, “वायनाड में करीब 8,000 किसानों को कर्ज नहीं चुकाने पर बैंक नोटिस मिला है। किसान तत्काल रूप से बेदखली का सामना कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “उनकी संपत्तिया बैंक कर्ज को लेकर जब्त की गई हैं। इसके परिणामस्वरूप किसान आत्महत्या कर रहे हैं।”
वित्तीय परिसंपत्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण व प्रतिभूति ब्याज अधिनियम का प्रवर्तन 2002 (इसे एसएआरएफईएसआई एक्ट के नाम से जाना जाता है) बैंकों व दूसरे वित्तीय संस्थानों को कर्ज बकाएदारों की वाणिज्यिक व आवासीय संपत्तियों की नीलामी की अनुमति देता है।
राहुल गांधी ने कहा कि केरल में बैंकों द्वारा डेढ़ साल पहले से रिकवरी प्रक्रिया की शुरुआत करने से 18 किसानों ने आत्महत्या की है।
कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को ऋण स्थगन पर विचार करने व इसे लागू करने का निर्देश देने से इनकार कर रही है।