मंगलवार को बीएसएनएल के कर्मचारियों द्वारा एक हड़ताल शुरू की गई थी जिसमे सरकार से बीएसएनएल के हालातों में सुधार लाने की मांग की गयी थी। इसके बाद सरकार ने सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन देकर कर्मचारियों को यह हड़ताल रोकने के लिए कहा था।
हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की गयी है जिसमे जानकारी दी गयी है की सरकार जल्द ही बीएसएनएल की वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम के लिए इसमें लगभग 8500 करोड़ का वित्त डालने पर विचार कर रही है। इस योजना के द्वारा बीएसएनएल अपने उम्रदराज कर्मचारियों की संख्या को कम करने पर केन्द्रित है।
बीएसएनएल पर है 14000 करोड़ का कर्ज :
बीएसएनएल का प्रदर्शन पिछले कुछ सालों से अच्छा नहीं चल रहा है खासकर जिओ के आने के बाद से इसमें ज्यादा फरक हुआ है। इसके बाद से ही इसकी आय पर्याप्त नहीं हो पा रही है।
ऐसा होने के कारण बीएसएनएल को अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है। बीएसएनएल में बड़ी संख्या में कर्मचारी होने के कारण इसकी अत्यधिक आय वेतन देने में चली जाती है जिससे यह अपनी सुविधाओं में सुधार करने पर निवेश नहीं कर पा रहा है।
बीएसएनएल के ख़राब प्रदर्शन का कारण :
बीएसएनएल के पिछले कुछ वर्षो से चल रहे खराब प्रदर्शन के कई संभव कारण माने जा रहे हैं। सबसे पहला कारण तो इसके बड़ी संख्या में कर्मचारी हैं। इसकी कमाई जाने वाली आय में से लगभग 90 प्रतिशत आय कर्मचारियों को वेतन देने में चली जाती है जिससे यह नयी तकनीकों में निवेश नहीं कर पाता है। इसके साथ ही टेलिकॉम मार्किट में बढती प्रतिस्पर्धा से यह निजी टेलिकॉम प्रदाताओं से पिछड़ रहा है क्योंकि इसके पास अभी तक 4G स्पेक्ट्रम भी नहीं है।
इस तरह बीएसएनएल करेगा सुधार :
अपने हालातों में सुधार करने के लिए बीएसएनएल विभिन्न उपायों पर विचार कर रहा है। इनमे से सबसे अहम् है कर्मचारियों पर हो रहा खर्चा है। इसके तहत बीएसएनएल ने कर्मचारियों को मिल रहे मेडिकल भत्ते जैसी सुविधाएं बंद कर दी और इसके साथ ही बीएसएनएल ने इनके रिटायरमेंट की उम्र को कम करके यह कंपनी के उम्रदराज कर्मचारियों को हटाएगा।
उन्होंने ऐसा किये जाने के पीछे यह कारण बताया की कर्मचारियों के लाभों में कटौती करके हम वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम के लिए पैसे बचा रहे हैं। ऐसे उपाय करके वे लगभग 13000 करोड़ तक की बचत कर सकते हैं जिसको दुसरे क्षेत्रों और घाटे को कम करने के लिए लगाया जा सकता है।