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    सोना

    सरकार इस वर्ष अक्टूबर से फरवरी 2019 तक हर महीने सोने पर बॉन्ड जारी करने जा रही है। वित्त मंत्रालय की ओर से सोमवार को आए एक बयान में कहा गया है कि सरकार वर्ष 2018-19 के लिए गोल्ड बॉन्ड स्कीम ला रही है।

    क्या है गोल्ड बॉन्ड स्कीम?

    सरकार द्वारा लायी जा रही गोल्ड बॉन्ड स्कीम एक तरह के निवेश का साधन है, जिसके द्वारा निवेशक अपना पैसा जरूरत के अनुसार सोने की कीमत के बॉन्ड खरीदने में लगाता है। मालूम हो कि निवेशक को इसके बदले में सिर्फ बॉन्ड के कागज़ दिये जाते हैं न कि भौतिक रूप में सोना।

    इसके तहत निवेशक को पहले से ही तय ब्याज़ दरों के अनुसार ही रिटर्न मिलता है। निवेशक को बॉन्ड के मैच्योर होने पर इसके बदले ब्याज़ सहित कीमत मिल जाती है।

    कौन करता है जारी?

    इसका खाका आमतौर पर केंद्र सरकार के आदेश पर वित्त मंत्रालय ही तैयार करता है, लेकिन सरकार की ओर से आरबीआई इसका संचालन करती है।

    कहाँ से ले सकते हैं बॉन्ड?

    कोई भी खुरदरा निवेशक इन बॉन्ड को निश्चित पोस्ट ऑफिस, स्टॉक एक्स्चेंज या अधिकृत बैंक से ले सकता है।

    क्या है निवेश की सीमा?

    इस स्कीम के तहत आप कम से कम 1 ग्राम सोने की कीमत पर निवेश कर सकते हैं। अधिकतम निवेश की सीमा 4 किलोग्राम सोने की कीमत के बराबर रखी गयी है। इस स्कीम के तहत आपको 99.99 प्रतिशत शुद्ध सोने की तत्कालीन कीमत पर ही निवेश करना होता है।

    क्या है मैच्योरिटी पीरियड?

    यह स्कीम 8 साल में मैच्योर हो जाती है। जिसके बाद आप अपने बॉन्ड के बदले ब्याज़ सहित पैसा ले सकते हो। हालाँकि निवेशक निवेश के  पांचवे, छठवे और सातवें साल में भी इस बॉन्ड को पैसे में तब्दील करवा सकता है।

    क्या है ब्याज़ दरें और मिलने वाली छूट?

    इस स्कीम के तहत आपको 2.5 प्रतिशत का ब्याज़ दिया जाता है। जिसकी सीमा अर्धवार्षिक होती है। इस बॉन्ड के तहत आप इनकम टैक्स एक्ट 161 के तहत छूट पा सकते हो।

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