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    सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में लगातार गिरावट के कारण सरकार की हो रही आलोचनाओं के बीच वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में सुधार के अतिरिक्त उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत-स्वीडन बिजनेस समिट में सीतारमण ने कहा कि सरकार ने हाल ही में कॉर्पोरेट कर की दर कम कर दी है और केंद्र कारोबारी समुदाय के साथ बातचीत कर रहा है।

    उन्होंने कहा कि कई और कदम हैं, जिस पर सरकार आगे काम करेगी।

    गिरती हुई जीडीपी और इसके बाद आलोचनाओं से घिरी सीतारमण ने कहा कि सरकार एक चुनौतीपूर्ण समय का सामना कर रही है।

    पिछले कुछ महीनों में सरकार ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए कॉर्पोरेट कर दर में कटौती और तरलता बढ़ाने सहित कई उपायों की घोषणा की है। अभी तक हालांकि अर्थव्यवस्था में किसी भी तेजी के संकेत नहीं मिले हैं।

    जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 4.5 फीसदी तक गिर गई और यह छह वर्षों में सबसे कम विकास दर रही है। मंत्री ने पिछले महीने राज्यसभा को बताया था कि अर्थव्यवस्था में गिरावट का दौर जरूर है, मगर स्थिति बिल्कुल मंदी वाली नहीं है।

    इस दौरान सीतारमण ने संभावनाओं की बात करते हुए कहा कि भारत में मध्यम वर्ग की एक बड़ी आबादी और बड़ी खपत के साथ काफी संभावनाएं हैं।

    उन्होंने अगले पांच वर्षों में सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर 100 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की सरकार की बजट प्रतिबद्धता को भी दोहराया।

    मंत्री ने यह भी कहा कि चूंकि सरकार स्मार्ट शहरों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, इसलिए स्वीडिश कंपनियां भी स्मार्ट सिटी पहल में शामिल हो सकती हैं।

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