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    अवैध शराब के कारोबार को लेकर योगी आदित्यनाथ ने सपा को बनाया निशाना, कहा कि कड़ी कार्रवाई की जाएगी

    लखनऊ, 4 जुलाई (आईएएनएस)| पीआईसीयूपी भवन, जिसमें कई सरकारी कार्यालय हैं, उसकी दूसरी मंजिल पर लगी आग से कई महत्वपूर्ण फाइलें और दस्तावेज नष्ट हो गए।

    इससे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी नाराज हो गए हैं। बुधवार को हुए इस अग्निकांड पर गंभीर कदम उठाते हुए, घटना की जांच के लिए आदित्यनाथ ने तीन सदस्यीय कमिटि का गठन किया है।

    अपर मुख्य सचिव (सूचना) अवनीश अवस्थी ने कहा, “एडीजी इंटेलिजेंस, यूपीएसआईडीसी के संयुक्त प्रबंध निदेशक और लखनऊ के मुख्य अग्निशमन अधिकारी समेत तीन सदस्यीय कमिटि का गठन किया गया है। कमिटि को अपनी रिपोर्ट 48 घंटों के अंदर जमा करानी है।”

    रिपोर्ट के अनुसार, आग इमारत के दूसरे तल पर लगी थी जो तीसरे तल तक फैल गई। आग पर काबू पाने के लिए करीब 18 दमकल गाड़ियां लगी थी। इसे बुझाने में कई घंटे लग गए। इस दौरान किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है।

    ऐसा संदेह है कि इमारत में रखीं महत्वपूर्ण फाइलों को नष्ट करने के लिए आग लगाई गई थी, क्योंकि गुरुवार से इमारत में स्थित कई विभागों का ऑडिट शुरू होने वाला था।

    इमारत के कुछ विभागों में राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआईडीसी, वन, एड्स नियंत्रण और यूपी लोक सेवा आयोग शामिल हैं, जो भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों के लिए चर्चा में रहे हैं।

    गोमती नगर क्षेत्र में स्थित पीआईसीयूपी भवन पांच मंजिला इमारत है। इसका स्वामित्व राज्य प्रदेशीय औद्योगिक और निवेश निगम के पास है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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