Sat. Nov 23rd, 2024
    donald trump and xi jinping

    चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने गुरूवार को कहा कि “चीन के खिलाफ अतिरिक्त शुल्क को अमेरिका को हटाने ही होंगे ताकि व्यापार जंग को खत्म करने के लिए दोनों पक्ष एक समझौते पर पंहुच जाए।” रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व को दो ताकतवर अर्थव्यवस्थाएं की व्यापार टीम के बीच संवाद कायम है।

    हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प और शी जिनपिंग ने संघर्षविराम का ऐलान किया था और जापान के ओसका में जी-20 के सम्मलेन के इतर बातचीत को बहाल करने की प्रतिबद्धता की थी। गाओ ने साप्ताहिक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि “चीन के निर्यात पर अमेरिका के एकतरफा शुल्क सिनो-अमेरिकी अर्थव्यवस्था और व्यापार विवाद का शुरूआती बिंदु है।”

    उन्होंने कहा कि “अगर दोनों पक्ष समझौते पर पहुंचना चाहते है तो शुल्क को पूरी तरह हटाना होगा। इस तरफ चीन का रवैया स्पष्ट और सिलसिलेवार है। देशों ने दो तरफ़ा व्यापार में 360 अरब डॉलर का शुल्क लगाया था और वार्ता मई में ठप पड़ गयी थी जब अमेरिका ने चीन पर अपनी प्रतिबद्धताओं से फिरने का आरोप लगाया था। ट्रम्प और शी ने बीते वर्ष दिसंबर में बुएनोस एरेस में मुलाकात की थी।

    अमेरिका ने नेता ने कहा कि “वह चीन के निर्यात पर अब नए शुल्कों को नहीं लागू करेंगे और बताया कि चीन की टेलीकॉम कंपनी हुआवेई के प्रति नरम रुख अपनाएंगे।” हुआवेई को डोनाल्ड ट्रम्प ने ब्लैकलिस्ट कर रखा है और अन्य देशों को भी हुआवेई से सावधानी बरतने की चेतावनी दी थी।

    भारत ,जापान, मेक्सिको और यूरोपी संघ राष्ट्रों के साथ भी ट्रम्प प्रशासन के व्यापार से सम्बंधित मसले हैं। चीन ने  को 60 अरब डॉलर के अमेरिकी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगा दिया था जो 1 जून से प्रभावी होने थे। अमेरिका ने चीन के 200 अरब डॉलर के उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क बढ़ाने के निर्णय लिया था और बीजिंग ने इसका प्रतिकार किया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *