Sat. Nov 23rd, 2024
    समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामला

    भारत में समझौता ट्रेन विस्फोट मामला अपने आखिरी चरम पर पंहुच गया है। 20 मार्च को हरियाणा में राष्ट्रीय जांच विभाग फैसला सुनाया था जो भारत और पाकिस्तान के बीच कड़वाहट बना हुआ है और इसलिए इस्लामिक मुल्क चार आरोपियों की रिहाई के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय मंच की तरफ रुख कर रहा है।

    साल 2007 में इस विस्फोट देशों के संबंधों में खटास पैदा कर दी थी। इसमें 68 लोग मारे गए थे जिसमे अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे। यह वारदात हरियाणा में पानीपत के करीब हुई थी। 18 फरवरी 2007 को समझौता एक्सप्रेस अमृतसर के अट्टारी रेलवे स्टेशन से जा रही थी और भारतीय सीमा का आखिरी चेकपॉइंट है। भयंकर आग और विस्फोट से समझौता एक्सप्रेस के दो कोच तबाह हो गए थे।

    विशेष एनआईए की अदालत ने चारो आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया था। इसमें  स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी थे। इस मामले में पाकिस्तान के नागरिक राहिला वकिल की याचिका को खारिज कर दिया था।

    पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि “आतंकवाद के इस घृणित कृत्य के मास्टरमाइंड स्वामी असीमानंद ने अपना गुनाह मजिस्ट्रेट के सामने कबूल किया था, उसे बरी कर दिया गया। ऐसे निर्णय भारतीय न्यायिक प्रणाली की विश्वसनीयता को कलंकित कर रहे हैं।”

    उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान इस मसले को भारत के समक्ष उठाना जारी रखा था विशेषकर आरोपियों को बरी किये जाने के बाद लेकिन भारत ने इसका कोई जवाब नहीं दिया था।”

    इस मामले की जांच सर्वप्रथम हरियाणा पुलिस द्वारा गठित विशेष जांच बल (एसआईटी) कर रहा था लेकिन जुलाई 2010 को यह मामला एनएआई के सुपुर्द कर दिया गया था। इस केस को लेने के बाद साल 2011 में एनआईए ने आठ लोगो के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी। इसमें स्वामी असीमानंद, लोकेश राहुल, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी एक्सप्लोसिव सब्सटांस एक्ट,रेलवे एक्ट और अन्य के तहत हत्या और आपराधिक साजिश रचने के आरोपों में सुनवाई का सामना कर रहे थे।

    शेष आरोपी इस हमले के मास्टरमाइंड सुनील जोशी की दिसंबर 2007 में मध्य प्रदेश के देवास में स्थित उसके आवस के नजदीक गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इसके आलावा तीन अन्यो रामचंद्र कलसांगरा, संदीप डांगे और अमित को अपराधी घोषित कर दिया गया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *