आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर ने शुक्रवार वाले दिन केरल के लोगों से हिंसा कम करने और सबरीमाला मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा समीक्षा याचिका पर फैसला आने का इंतज़ार करने के लिए कहा।
उनके मुताबिक, “ये अफ़सोस की बात है कि केरल, एक ऐसा राज्य जो प्रगति और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए जाना जाता है, वे आज जल रहा है। मैं सभी लोगों से हिंसक कार्यों से अलग होने के लिए कहता हूँ। हमें समीक्षा याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतज़ार करना चाहिए।”
हालांकि श्री श्री ने कहा कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे हिंसा फैले और मंदिर की परंपराओं का सम्मान किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा-“जब सबरीमाला का मामला विचाराधीन है, तो कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जो समाज में तनाव और उथल-पथल लेकर आये। जबकि केरल ने महिला सशक्तिकरण के लिए कभी कोई कसर नहीं छोड़ी, मंदिर की परंपरा और श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए।”
इस दौरान, त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड(टीडीबी) के अध्यक्ष ए पद्मकुमार ने शुक्रवार को कहा कि बोर्ड ने सबरीमाला के तंत्री कंदरु राजीवरु से दो महिलाओं के प्रवेश के बाद मंदिर बंद करने के फैसले के ऊपर स्पष्टीकरण माँगा है।
पार्टी की बैठक के बाद, मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि तंत्री को स्पष्टीकरण देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। उन्होंने कंदरु पर बरसते हुए कहा कि शुद्धि अनुष्ठान के लिए मंदिर को बंद करना सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ था। उनका ये कदम कोर्ट की अवमानना थी।