Mon. Dec 23rd, 2024
    Sabarimala_temple_

    केरल के मुख्यमंत्री पिनाराय विजयन के सबरीमाला मुद्दे पर सर्वसम्मति बनाने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से नाराज हो कर विपक्ष ने वाकआउट कर दिया।

    कांग्रेस के केरल इकाई के प्रमुख रमेश चेनिथला ने कहा कि सरकार ने उनकी मांगों को सुनने से इनकार कर दिया है। ‘हम बाहर निकल रहे हैं क्योंकि मुख्यमंत्री अपने स्टैंड पर अड़े हुए हैं। सभी पार्टी की बैठक एक छलावा थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री ने सबरीमाला में शांति लाने का सुनहरा मौका गँवा दिया।’

    विजयन ने कहा कि सरकार का कोई पूर्वाग्रह नहीं है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए बाध्य है। उन्होंने कहा ‘हम विपक्ष के आरोपों के अनुसार इस मामले पर अड़े नहीं हैं। मैं भक्तों से इस तथ्य को समझने के लिए अपील करता हूं कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा।’

    बीजेपी ने दावा किया कि सीपीएम सरकार का रवैया पक्षपातपूर्ण है। राज्य भाजपा अध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लई ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने भाजपा के 5 बिंदुओं का कोई जवाब नहीं दिया। एनडीए केरल के बाहर आंदोलन बढ़ाने का विचार करेगा।’

    वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए मंदिर खोलने से एक दिन पहले ही सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने बैठक की।

    सरकार के विकल्प सीमित हैं क्योंकि यह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने और मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की सुविधा प्रदान करने के लिए बाध्य है, जबकि विपक्षी बीजेपी और कांग्रेस, जो “मंदिर की परंपरा और रीति-रिवाजों” को बचाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दे रहे।

    विजयन सरकार ने संकेत दिया था कि वह राज्य के कानून मंत्री ने सुझाव दिया कि महिलाओं को इस तीर्थयात्रा के समझौते के रूप में मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए , जिस कारन उन्हें बैठक में नहीं बुलाया गया था लेकिन सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के अपने स्टैंड पर दृढ़ रहेगी।

    मंदिर में महिलाओं के प्रवेश सुनिश्चित करने के आदेश पर पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था।  शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस के केरल प्रमुख रमेश चेनिथला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी भक्तों की भावनाओं को समझती है और केरल सरकार को निर्णय लेना है कि अब दो महीने के लंबे तीर्थयात्रा सत्र के दौरान सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करती है या नहीं।

    इसी बीच भूमाता ब्रिगेड की मुखिया तृप्ति देसाई ने 17 नवम्बर को सबरीमाला मंदिर जाने का ऐलान कर दिया जिससे टकराव और बढ़ने की आशंका प्रबल हो गई है।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *