महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने बुधवार को कहा कि वह 17 नवंबर को सबरीमाला मंदिर में प्रार्थना करने की योजना बना रही है, जिस दिन मंदिर दो महीने के वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए खुलेगा।
तृप्ति नें इसके लिए केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से सुरक्षा की मांग की थी। इस मामले में आज तृप्ति नें कहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।
देसाई नें कहा कि यदि उनकी सबरीमाला दर्शन के दौरान कोई घटना होती है, तो इसके जिम्मेदार पिनाराई विजयन होंगे।
I have not received any response from the Kerala government. If any incident occurs, its responsibility will be on Kerala CM and DGP: Trupti Desai, founder of the Bhumata Brigade. She had written to Kerala CM seeking security for her visit to #SabrimalaTemple on 17 November pic.twitter.com/lB54OeU7AS
— ANI (@ANI) November 15, 2018
तृप्ति देसाई भूमाता ब्रिगेड की संस्थापक है। भूमाता ब्रिगेड महिलाओं अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाला एक संगठन है। तृप्ति ने कहा कि उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराय विजयन और राज्य पुलिस प्रमुख को 17 नवम्बर की अपनी सबरीमाला मंदिर में दर्शन के दौरान पुलिस सुरक्षा की मांग करने के लिए एक पत्र लिखा है।
2016 में तृप्ति देसाई ने महिला कार्यकर्ताओं के एक समूह का नेतृत्व महाराष्ट्र के अहमदनगर में शनि शिंगनपुर मंदिर में जाने के लिए किया था। शनि शिंगनपुर मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित था। लेकिन तृप्ति ने मंदिर में प्रवेश कर 60 साला पुरानी परंपरा को ख़त्म किया था। तृप्ति के अभियान ने कई मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश को स्वीकार्य बनाने के लिए कई आंदोलनों को जन्म दिया।
मुख्यमंत्री पनारायी विजयन को लिखे अपने पत्र में सुश्री देसाई ने कहा कि वह “छह अन्य महिलाओं के साथ शुक्रवार को केरल में पहुंच जाएगी, सबरीमाला मंदिर में दर्शन करने के लिए।’ उन्होंने पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए लिखा कि ‘केरल पहुँचने से लेकर मंदिर में दर्शन के बाद केरल छोड़ने तक उन्हें पुलिस सुरक्षा चाहिए।’
उनकी घोषणा के कुछ समय बाद मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ विरोध कर रहे एक कार्यकर्ता राहुल ईश्वर ने कहा कि मंदिर के अंदर किसी भी महिला को प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ‘परंपरा तोड़ने के लिए मंदिर में प्रवेश करने वाली महिलाओं के नीचे वो लेट जाएंगे।’
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश देने वाले अपने आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मंदिर खुलने पर सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ अयप्पा भक्तों ने काफी विरोध प्रदर्शन किया था।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर कायम विजयन
पिनाराई विजयन से आज जब पूछा गया कि सबरीमाला पर उनका क्या मत है, तो उन्होनें कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का सम्मान करते हैं, जिसमें कोर्ट नें महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे दी थी।
Supreme Court clearly says that the September 28 verdict stands. It means that the entry of women should be allowed. Govt cannot take any stand against this verdict. We respect the feelings of the devotees. We are bound to implement court verdict: Kerala CM on #SabarimalaTemple pic.twitter.com/Ud5pfGcviL
— ANI (@ANI) November 15, 2018
विजयन नें बताया कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवेहलना नहीं कर सकते हैं।