केंन्द्रीय मंत्री अल्फांसो कन्ननथनम ने सोमवार को केरल सरकार पर सबरीमाला मंदिर को युद्ध क्षेत्र बनाने और तीर्थ यात्रियों के साथ डकैतों जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया।
सबरीमाला में स्थिति और सुविधाओं का जायजा लेने के बाद केंद्रीय मंत्री ने केरल सरकार पर भड़कते हुए कहा कि ‘उन्होंने वहां धारा 144 लगा रखा है। तीर्थ यात्रियों के साथ डकैतों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। मंदिर परिसर में मूलभूत सुविधाओं की हालत बहुत ही खराब है।’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मंदिर परिसर को युद्ध क्षेत्र में तब्दील कर दिया है। ये तीर्थयात्री है कोई आतंकी नहीं।’
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने से राज्य सरकार को रोने के लिए भाजपा-संघ और अन्य संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जिसके कारण प्रशासन ने मंदिर परिसर क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दिया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘पर्यटन मंत्रालय ने राज्य सरकार को 100 करोड़ रुपये दिए थे लेकिन राज्य सरकार ने एक भी पैसों का उपयोग नहीं किया।’
अल्फांसो ने मंदिर के बेस कैम्प नीलक्कल, पम्बा और सन्निधानम का दौरा किया। उनके दौरे से पहले पुलिस ने शनिवार रात से डटे 200 लोगों को हटाया वे लोग भगवान् अयप्पा का नाम लेते हुए पुलिस द्वारा लागू बंदिशों का विरोध कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार और मंदिर परिसर के हालातों की तुलना स्टालिन के युग और सोवियत संघ से की। उन्होंने कहा कि ‘सबरीमाला देश का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है। लोग यहाँ शांति से आते हैं और दर्शन करते हैं। सरकार को कोई हक़ नहीं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का।
गौरतलब है कि मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मंदिर तीसरी बार वार्षिक पूजा के लिए खोल गया है। महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाली भूमाता ब्रिगेड की तृप्ति देसाई भी ने भी सबरीमाला जाने की कोशिश की लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन्हें एयरपोर्ट से बाहर ही नहीं निकलने दिया जिस कारण वो वापस लौट गईं।