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    25 साल बाद दिखा सपा बसपा का गठजोड़। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के देवबंद में सपा चीफ अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमों मायावती ने एक ही मंच से जनता को संबोधित किया। सपा और बसपा के गठबंधन के बाद यह पहली साझा रैली थी जिसमें इस गठबंधन को नाम दिया गया ‘बदलाव के लिए गठबंधन’।

    रैली के दौरान मायावती और अखिलेश ने कांग्रेस और भाजपा को एक ही सीक्के के दो पहलूओं के रूप में विवरण किया। उन्होंने मतदाताओं को सावधान किया, खासतौर पर मुसलमानों को कि वह अपना वोट 11 अप्रैल को पहले चरण में होने वाले राज्य में चुनाव में मताधिकार का सही इस्तमाल करे।

    जबकि,आरएलडी चीफ अजीत सिंह के साथ अन्य गठबंधन हैं, उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने अभी तक उनके और उनके बेटे जयंत चौधरी के खिलाफ अपना उम्मीदवार नही उतारा।

    मयावती ने कहा कि भाजपा को हराने का एकमात्र विकल्प गठबंधन ही हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भाजपा को हराने में काबिल नही हैं। और मैं अपसे खासतौर पर मुसलमानों को कि कांग्रेस को दिया गया एक भी वोट भाजपा को जीताने में मददगार होगा। इस लिए अपने वोटों को बटने मत दो।

    इन लोकसभा चुनाव में मुसलमानों के साथ और दलित और जाटों का एक भाग पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गठबंधन की रीड की हड्डी हैं।

    akhilesh

    अखिलेश ने कहा कि देवबंद में प्राचिन देवी के मंदिर में हजारों लोग दर्शन के लिए आते हैं और दूसरी ओर दारूल उलूम के लिए। यह शहर उतना ही ऐतिहासिक हैं जितना आने वाले चुनाव।

    आपने देखा की कैराना, फूलपुर और गोरखपुर में उप चुनाव में किया हुआ था। हमने सभी सीटे जीती थी। यह तभी संभव हो पाया था जब वोट विभाजीत नही हो पाए थे। यह से दिल्ली तक का मार्च शुरू होता हैं। मैं अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश देता हूं कि वह पूरे राज्य में आरएलडी और बसपा के उम्मीदवारों को वोट दे। इसलिए मायवती और अजित सिंह को अपनी पार्टियोंं के लिए वोट करना हैं।

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