भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने बताया की उन्होनें सचिन तेंदुलकर को “गुस्सा होते हुए” देखा है लेकिन कभी एमएस धोनी को गुस्सा होते हुए नही देखा। और ऐसा खिलाड़ी 40 साल में एक बार देखने को मिलता है।
37 साल के धोनी ने पहले वनडे मैच में 96 गेंदो में 51 रन की पारी खेली थी, जिसके बाद उनको अपनी इस धीमी गति की पारी के लिए आलोचनाए सुनने को मिली, लेकिन उसके बाद आखिरी दो वनडे मैचों में उन्होने अपने पुराने दिनो की झलक दिखाई, और 55 औऱ 87 रन की नाबाद पारी की बदौलत टीम को दोनो मैच जीतवाए।
डेली टेलीग्राफ से बात करते हुए शास्त्री ने कहा, ” वह दिग्गज खिलाड़ी है। वह हमारे महान क्रिकेटरो में से एक के रूप में नीचे जाएंगे। मैंने कभी किसी व्यक्ति को इतनी ध्वनि नही दी। मैंने कभी-कभी सचिन को गुस्सा होते हुए देखा है, लेकिन इस खिलाड़ी को नही।”
शास्त्री ने यहा से यह भी स्पष्ट किया कि, धोनी की क्षमता का कोई अन्य खिलाड़ी नही हो सकता।
उन्होने कहा, “ऐसे खिलाड़ी 40 साल में एक बार देखने को मिलता है। यही मैं भारतीय खिलाड़ियो को बताता हूं जबतक वह खेल रहा है उसको आनंद लो। जब वह चले जाएंगे तो उनकी जगह भरना मुश्किल होगी।”
मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा धोनी के जाने के बाद ऋषभ पंत उनकी जगह ले सकते है लेकिन धोनी के जैसा होना उनके लिए मुश्किल होगा।
जब इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर माइनल वॉन ने उनसे पूछा क्या ऋषभ पंत 20 साल में धोनी बन सकते है, शास्त्री ने कहा, ” मुझे अच्छा लगेगा उसके पास प्रतिभा है। उनके हीरो भी एमएस है और वह रोज फोन पर उनसे बात भी करते है। औऱ टेस्ट सीरीज के दौरान उन्होने किसी और खिलाड़ी से ज्यादा धोनी से बात की थी।”
यहा धोनी की बात एक बल्लेबाज को लेकर नही होती लेकिन जिस प्रकार वह मैच में रणनीति बनाते है वह भारतीय कप्तान विराट कोहली के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होते है।
शास्त्री ने आगे कहा, ” इसलिए की उनके पास सबसे अच्छा कोण है। वह चीजो को देखते है। वह खिलाड़ियो के साथ बहुत अच्छे है। इसलिए खिलाड़ी उनका सम्मान करते है। जो इस वक्त भारतीय टीम है उनके द्वारा बनाई गई है क्योंकि वह 10 साल तक भारत के कप्तान रहे थे। ड्रेसिंग रूम में भी उनको एक अलग प्रकार का सम्मान दिया जाता है, वह एक अनुभवी औऱ बहतरीन खिलाड़ी है।”