Mon. Nov 25th, 2024
    सचिन तेंदुलकर

    बल्लेबाजी दिग्गज सचिन तेंदुलकर ने रविवार को खुलासा किया कि कैसे वेस्ट इंडीज के दिग्गज खिलाड़ी विव रिचर्ड्स के साथ 45 मिनट लंबी फोन पर बातचीत ने उन्हें 2007 में खेल से सन्यांस लेने के लिए रोका था।

    भारत 2007 में बांग्लादेश और श्रीलंका से हारने के बाद विश्वकप से बाहर हो गया था जिसके बाद राहुल द्रविड़ की अगुवाई वाली टीम को बहुत आलोचनाए सुनने को मिली थी। सचिन के लिए भी यह टूर्नामेंट शानदार नही गुजरा था क्योंकि वह 3 मैचो में केवल 64 रन ही बना पाए थे। इसने उन्हे आश्वस्त किया कि वह अब खेल से सन्यांस लेंगे और आगे बढ़ेंगे।

    तेंदुलकर ने लंदन में इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा, ” मैं मुझे लगा कि अब समय आ गया है। इस मंच पर, भारतीय क्रिकेट में बहुत से चीजे घट रही थी और कुछ भी सही नही था। हमे उस समय टीम में कुछ चीजो के बदलाव की जरुरत थी और मैंने सोचा था कि अगर यह चीजे सही नही हई तो मैं सन्यांस ले लूंगा। मैंने उस समय 90 प्रतिशत क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया था। लेकिन मेरे भाई ने मुझे बताया कि 2011 में मुंबई में विश्व कप फाइनल है, क्या आप उस खूबसूरत ट्रॉफी को अपने हाथ में रखने की कल्पना कर सकते हैं?”

    तेंदुलकर ने आगे कहा, ” इसके बाद मैं अपने फॉर्महाउस से दूर गया और उस समय मुझे सर विव का फोन आया और उन्होने कहा अभी आपके अंदर बहुच क्रिकेट बाकि है। हमारी 45 मिनट तक बातचीत हुई यह मेरे लिए दिल छू लेने वाला फोन था क्योकि जब आपका बल्लेबाजी हीरो आपको फोन करे तो यह हमेशा आपके लिए विशेष रहता है। यह एक ऐसा लम्हा था जहां मेरे लिए चीजे बदली और उसके बाद मैं और शानदार क्रिकेट खेलने लगा।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *