क्रिकेट दिग्गज सचिन तेंदुलकर और भारत के पूर्व बल्लेबाजों विनोद कांबली और प्रवीण आमरे ने गुरुवार को यहां शोकसभा में अपने बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर की यादों को याद किया। कोच आचरेकर का पिछले हफ्ते 87 साल की उम्र में निधन हुआ था। सचिन तेंदुलकर ने उन्हे याद करते हुए कहा, ” जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था, तब हमारे पास सिर्फ एक बैट हुआ करता था, जो कि मेरे बड़े भाई अजीत तेंदुलकर का था। बल्ला बहुत बड़ा था तो इसलिए मैं उसे थोड़े नीचे से पकड़ता था।”
शिवाजी पार्क जिमखाना द्वारा आयोजित सभा में बल्लेबाजी की याद ताजा करते हुए, तेंदुलकर ने कहा, ” सर ने इस पर कुछ दिन तक ध्यान दिया और फिर बाद में मुझे बल्ले को थोड़े ऊपर से पकड़ने की सलाह दी।”
45 साल के सचिन तेंदुलकर ने कहा आचरेकर का सुझाव यह संदेश देना था कि कोचिंग में हमेशा बदलाव नही होते।
सर ने मुझे खेलता हुए देखा औऱ यह काम नही कर रहा था क्योंकि मैं पहले की तरह नियंत्रण में नही था और मेरे बल्ले से शार्टस नही निकल रहे थे।
जब उन्होने देखा मेरा पहले कि तरह नियंत्रण नही है, तो सर ने कहा जो मैने कहा उसे भूल जाओ औऱ मुझे पहले की तरह बल्ले को पकड़ने को कहा।”
आचरेकर के गोद लिए पुत्र नरेश चुरी ने एक किस्सा सुनाया कि किस तरह दिवंगत कोच पुनर्नवीनीकरण गेंदों का इस्तेमाल करते थे।
“सर हमेशा खेले हुए गेंदों को संरक्षित करते थे, और उनके पास ऐसी गेंदों से भरा बैग होता था, जिसे कोई भी उपयोग करना पसंद नहीं करता था। हालाँकि, सर ने वही किया जो अब तक कोई भी कोच नहीं कर पाया है, फिर भी गेंदों का पुनरावर्तन।”