भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर मंगलवार को मुंबई में भारतीय ओलंपियन दीपा करमाकर की पुस्तक विमोचन में उपस्थित थे। यह किताब जिमनास्ट खिलाड़ी दीपा करमाकर के बारे में बताती है कैसे उन्होने अपने जीवन में आने वाली कठिनाईयो का सामना किया और कैसे वह इस पड़ाव तक पहुंची है। किताब 2016 रियो ओलंपिक में उनके करतब के बारे में भी बताती है, जहां उन्होने पॉल वाल्ट के फाइनल्स में चौथा स्थान प्राप्त किया था। पुस्तक का शीर्षक है ‘द स्माल वंडर’ और पुस्तक विमोचन के बाद इंटरनेट में इस खरीदने के लिए तूफान आ गया है।
सचिन तेंदुलकर ने पुस्तक विमोचन में उपस्थित होकर चार चांद लगाए और इस भारतीय स्टार खिलाड़ी की जमकर प्रशंसा की। उन्होने अपने करियर में अबतक की सभी उपलब्धियों के बाद दीपा को राष्ट्र के लिए एक प्रेरणा के रूप में श्रेय दिया और उनको भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। तेंदुलकर ने कहा, ” ना केवल एक छाप छोड़ी, बल्कि हजारो युवाओ को बाहर जाने और हमारे देश के लिए कुछ खास करने के लिए प्रेरित किया।”
The journey from Tripura to Rio de Janeiro & beyond has been fascinating but one that only @DipaKarmakar can tell us about. It was an absolute pleasure to launch your book, “Dipa Karmakar: The Small Wonder”. Best wishes for the future and the book. #TheSmallWonder pic.twitter.com/OoscKEtfLL
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) January 23, 2019
25 साल की दीपा करमाकर ने घुटने की चोट के बावजूद एशियन गेम्स में भाग लिया था और 14.316 अंक हासिल करके टूर्नामेंट में कांस्य पदक पर कब्जा किया था। अपने मानको के बजाय यह उनका एक सामान्य प्रदर्शन था, अब वह 2020 टोक्यो ओलंपिक के लिए जमकर तैयारी कर रही है। दीपा सुर्खियो में तब आई थी जब उन्होनें 2016 रियो ओलंपिक में पॉल वाल्ट में चौथा स्थान हासिल किया था।
उन्होंने कहा, “मैं मार्च में ओलंपिक क्वालीफिकेशन स्पर्धा में हिस्सा लूंगी। अब योग्यता प्राप्त करने के मापदंड में भारी बदलाव आया है।” यह मानदंड हमारे जैसे देशों के लिए बहुत कठिन है, जो जिमनास्टिक में ज्यादा विकसित नहीं हैं। लेकिन, मैं पूरी तैयारी कर रही हूं और (उस योग्यता को पाने के लिए) पूरी कोशिश करूंगी।”
आयोजन के दौरान तेंदुलकर ने ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने के लिए भी बल्लेबाजी की। “मुझे लगता है, खेल (क्रिकेट) (ओलंपिक में) होना चाहिए, एक क्रिकेटर होने के नाते मैं चाहूंगा कि ऐसा हो। मैं बिना किसी संदेह के आगे देख रहा हूं।”