भारत और अफगानिस्तान के बीच शनिवार को एक रोमाचंक मैच देखा गया था। लेकिन इससे पहले साउथैम्पटन की पिच पर भारतीय टीम के मध्य क्रम के बल्लेबाजो को संघर्ष करते देखा गया। धोनी और केदार जाधव ने बीच के ओवरो में टीम के लिए एक अहम साझेदारी की लेकिन उनकी बल्लेबाजी बहुत धीमी दिखी।
अफगानी स्पिनरो के सामने भारतीय टीम के खिलाड़ियो को अपने शॉट बनाने में बहुत परेशानी उठानी पड़ रही जिसके कारण टीम निर्धारित 50 ओवर में 8 विकेट के नुकसान में 224 रन ही बना सकी लेकिन टीम ने फिर भी 11 रन से मैच में जीत दर्ज की थी।
धोनी ने मैच में बहुत धीमी पारी खेली थी जिसमें उन्होने 52 गेंदो में 28 रन बनाए थे, जिसके बाद उन्होने अपनी आलोचनाओ के लिए प्रशंसको और पूर्व क्रिकेटरो को मौका दिया। पूर्व बल्लेबाजी दिग्गज सचिन तेंदुलकर को एम एस धोनी कि इस धीमी पारी पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि मध्य क्रम में सकारात्मक बल्लेबाजी की कमी खली।
इंडिया टुडे से बात करते हुए सचिन तेंदुलकर ने कहा, ” एमएस धोनी एक वरिष्ठ खिलाड़ी हैं और उन्हें सकारात्मक इरादे दिखाने चाहिए। अफगानिस्तान की गेंदबाजी अच्छी है लेकिन आप 34 ओवरों में केवल 119 रन नहीं बना सकते। उन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ कोई सकारात्मक इरादा नहीं दिखाया।”
“एमएस धोनी में हिट करने की क्षमता है लेकिन कल उनकी स्ट्राइक रोटेशन अच्छी नहीं थी। उन्हें कई डॉट गेंदों का सामना करना पड़ा और इसने भारत के लिए एक मजबूत फिनिश को बाधित किया। मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों के इरादे काफी बेहतर हो सकते थे।”
सचिन तेंदुलकर ने कहा, “मेरा मानना है कि एमएस धोनी को अगले मैचों में रोटेशन की जरूरत है।”
धोनी की बल्लेबाजी में इस साल एक बड़ी पारी देखी गई है क्योंकि अनुभवी प्रचारक ने अधिक आक्रमणकारी अवतार दिखाया था, जिसके लिए वह मध्य क्रम में जाने जाते है। बल्लेबाजी के दौरान धोनी के इरादे में यह बदलाव शोपीस इवेंट में आने वाली टीम के लिए सबसे बड़ी सकारात्मकता में से एक के रूप में देखा गया था।
हालांकि अच्छी बात यह है कि भारतीय मध्य और निचले क्रम को बीच में काफी समय मिल गया और टूर्नामेंट में शेष चुनौतियों के लिए उन्हें निश्चित रूप से सतर्क रहना होगा।