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    सचिन-धोनी

    विश्वकप के 12वें संस्करण की शुरुआत के लिए के लिए अब केवल पांच दिन का समय बाकि है और भारत को टूर्नामेंट के लिए पसंदीदा टीमो में से एक माना जा रहा है और कप्तान विराट कोहली के ऊपर इस टूर्नामेंट पर बहुत कुछ निर्भर रहने वाला है क्योंकि वह पहली बार एक कप्तान के रुप में विश्वकप खेलेंगे। हाल में खत्म हुए इंडियन प्रीमियर लीग सीजन में कोहली को अपनी कप्तानी के लिए आलोचनाएं सुनने को मिली थी लेकिन अब बल्लेबाजी के दिग्गज सचिन तेंदुलकर उनके समर्थन में उतरे है।

    आईएएनएस से बात करते तेंदुलकर ने कहा, “मैं समझता हूं कि हमें आईपीएल और भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने की तुलना नहीं करनी चाहिए। दोनों अलग-अलग प्रारूप हैं, एक टी-20 है जिसमें आपकी टीम में कई विदेशी खिलाड़ी हैं और दूसरा ऐसा प्रारूप है जहां आपकी टीम में सभी भारतीय खिलाड़ी हैं। इसलिए हमें दोनों की तुलना नहीं करनी चाहिए। जाहिर तौर पर जब बात कप्तानी पर आती है तो विराट पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।”

    उन्होंने यह भी माना कि अनुभवी महेंद्र सिंह धोनी को रोल विकेट के पीछे अहम होगा और कोहली के लिए यह बहुत अच्छी बात है कि उनके पास इतना अनुभवी खिलाड़ी है।

    तेंदुलकर ने कहा, “धोनी का विकेट के पीछे खड़े होने का अनुभव टीम की बहुत मदद करेगा क्योंकि उस स्थान पर खड़े होकर वह सबकुछ अच्छे से देख सकते हैं। वहां खड़े होकर, वह पूरे मैदान को उसी तरह देख सकते हैं जिस तरह से एक बल्लेबाज देखता है। उनकी राय महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि उन्हें पता होगा कि पिच कितनी अच्छी या बुरी है, क्या गेंद रुक आ रही है या यह बल्ले पर अच्छे से आ रही है। जो भी स्थिति हो, वह इसे कप्तान और गेंदबाज के साथ भी साझा करेंगे। इसलिए किसी अनुभवी खिलाड़ी का विकेट के पीछे होना हमेशा मददगार होता है।”

    टूर्नामेंट से पहले यह भी कहा जा रहा है कि भारतीय टीम शीर्ष तीन खिलाड़ियों (शिखर धवन, रोहित शर्मा और कोहली) पर अधिक निर्भर है। तेंदुलकर ने भी कहा कि कुछ मुकाबले ऐसे हो सकते हैं जहां एक खिलाड़ी मैच जिताएगा।

    तेंदुलकर ने कहा, “मुझे ऐसा नहीं लगता कि टीम शीर्ष तीन पर निर्भर है। मुझे लगता है कि अगर हमें इस टूर्नामेंट में आगे बढ़ना है तो सभी खिलाड़ियों को एक-दूसरे को साथ निभाते हुए अच्छा प्रदर्शन करना होगा। इसलिए, यह नहीं हो सकता है कि केवल एक व्यक्ति प्रदर्शन करता रहे और आप टूर्नामेंट में आगे बढ़ें। हो सकता है कि एक या दो मैच ऐसे हो जहां एक खिलाड़ी कुछ बड़ा करे, लेकिन अन्यथा आपको प्रतियोगिता में आगे बढ़ने के लिए टीम के अन्य खिलाड़ियों की जरूरत होगी।”

    तेंदुलकर यह भी मानते हैं कि भारत को खिताब का प्रबल दावेदार माना जाना चाहिए।

    उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि एक टूनामेंट में भाग लेते समय अगर दुनिया आपको सबसे बेहतरी टीम मान रही है तो यह अच्छी चीज है। हमने पिछले कुछ समय में बहुत अच्छी क्रिकेट खेली है। इस टूर्नामेंट में उस आत्मविश्वास को आगे ले जाना महत्वपूर्ण होता है। लेकिन यह एक नया टूर्नामेंट है और अतीत में कुछ भी हुआ हो, हमें इस बात पर अपना ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है कि हमारे पास कितने मौके हैं और अपनी क्षमता के अनुसार खुद को तैयार करें।”

    उन्होंने आगे कहा, “विश्व कप एक बड़ा टूर्नामेंट होने जा रहा है और मुझे यकीन है कि हम उस स्थिति में है कि वहां जाकर भारतीय क्रिकेट के सभी शुभचिंतकों की उम्मीदों पर खरा उतरें।”

    विश्व कप में भारत का पहला मैच पांच जून को दक्षिण अफ्रीका से होगा।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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