सऊदी अरब (saudi arabia) के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान इस सप्ताह के शुरुआत में दक्षिण कोरिया की आधिकारिक यात्रा की योजना बना रहे हैं और इस दौरान दोनों देशों के मध्य अहम मुद्दा आर्थिक संबंधों को मज़बूत करना होगा। रायटर्स न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण कोरिया की दो दिवसीय यात्रा की शुरुआत क्राउन प्रिंस बुधवार को करेंगे।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति दफ्तर के मुताबिक, विश्व के सबसे विशाल तेल उत्पादक देश के क्राउन प्रिंस की साल 1998 के बाद पहली आधिकारिक यात्रा होगी। सल्तनत के रक्षा मंत्री और भावी बादशाह दक्षिण कोरिया राष्ट्रपति मून जे इन के साथ 26 जून को मुलाकात करेंगे।
दक्षिण कोरिया के अधिकारी ने रायटर्स से कहा कि “दोनों पक्ष ऊर्जा और जन सुविधा समेत कई सहयोग के क्षेत्र में समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। सऊदी अरब के तेल का सबसे बड़े खरीददारों में से एक दक्षिण कोरिया भी है। दोनों देश विभिन्न मुद्दों पर बातचीत भी करेंगे।
साल 2019 के शुरूआती महीनो में सीओल ने मध्य पूर्व से 101.5 मिलियन बैरल कच्चे तेल का आयात किया है और एक वर्ष पूर्व यह आंकड़ा 2.7 फीसदी कम था। यह डाटा दक्षिण कोरियाई ऑयल कॉर्पोरेशन ने जारी किये हैं। सऊदी अरब के परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं में दक्षिण कोरिया भी दिलचस्पी दिखा रहा है।
केएनओसी के मुताबिक सल्तनत में परमाणु पावर योजनाओं के निर्माण के प्रयासों को अंजाम देने के लिए जुलाई को तय किया गया था। हाल ही में यूएन ने पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या पर रियाद के खिलाफ रिपोर्ट जारी की थी।
इसके मुताबिक, जमाल खशोगी की हत्या में सऊदी अरब का ही हाथ था। खशोगी की हत्या बीते वर्ष 2 अक्टूबर को इस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के दूतावास में की गयी थी।
सीएनएन में प्रकाशित हुआ कि इस तफ्तीश के मुताबिक, सऊदी अरब के पत्रकार खशोगी की जानबूझकर, सोची-समझी हत्या थी। उन्होंने कहा कि “खशोगी सऊदी प्रिंस की ताकत से पूरी तरह वाकिफ थे और उनकी डर की प्रतिक्रिया दिखी कि अगर वह सल्तनत वापस लौटते हैं तो उनका हाल क्या होगा।”