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सऊदी अरब

सऊदी अरब ने मंगलवार को संयुक्त अरब अमीरात के तट पर हमले से दो तेल टैंकरों को नुकसान पंहुचा है। इसके  कारण जहाजों को काफी नुकसान पंहुचा है। इसमें से एक जहाज सऊदी अरब से अमेरिका के लिए तेल ले जा रहा था। खलील अल फलीह के बयान से पूर्व अमेरिका ने इस रिपोर्ट पर नौचालकों और यूएई के क्षेत्रीय साझेदारों को चेतावनी दी थी।

नुकसान का नहीं किया खुलासा

रविवार को फ़ुजैराह के बंदरगाह शहर के तट पर चार जहाज क्षतिग्रस्त हुए थे। इससे चंद घंटो पूर्व ईरान और लेबनान की मीडिया ने शहर के बंदरगाह पर विस्फोट को झूठा करार दिया था। यूएई के अधिकारीयों ने नुकसान की प्रकृति का खुलासा करने से इंकार कर दिया था और इसके पीछे जिम्मेदार समूह का नाम भी जाहिर नहीं किया था।

अमेरिका ने चेतावनी दी कि ईरान और उसके युद्ध सहयोगी इस क्षेत्र के समुन्द्र में जहाजों पर निशाना साध सकते हैं। अमेरिका ने तेहरान के खतरे से आत्मरक्षा के लिए पर्सियन गल्फ में एक युद्ध पोत और बी-52 बमवर्षक की तैनाती की है। डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष साल 2015 में ईरान और वैश्विक ताकतों के बीच हुई संधि को तोड़ दिया था और इसके बाद दोनों के बीच तनाव जारी है।

अमेरिका प्रतिबंधो के दोबारा लागू हो जाने के बाद ईरानी अर्थव्यवस्था पर संकट का दौर जारी है। बीते सप्ताह ईरान ने धमकी दी कि अगर वैश्विक समुदाय आगामी 60 दिनों में नए समझौते के लिए बातचीत में विफल हो जाता है तो वह उच्च स्तर तक यूरेनियम समृद्ध होंगे।

तेल का रिसाव नहीं

बयान में अल फलीह ने कहा कि “दो टैंकरों पर रविवार सुबह 6 बजे हमला हुआ था। इनमे से एक जहाज सऊदी अरब का कच्चा तेल लेकर रास तानुरा बंदरगाह की तरफ बढ़ रहा था। खुशकिस्मती से इस हमले में कोई हताहत नहीं हुई और न ही तेल का रिसाव हुआ। हालाँकि दोनों जहाजों के ढांचों में कुछ क्षति हुई है।”

सऊदी अरब ने जहाजों के नुकसान का संदिग्ध के बाबत कोई खुलासा नहीं किया है। क्षेत्रीय खतरे पर जोर देते हुए छह राष्ट्रों के गल्फ कॉर्पोरेशन कॉउन्सिल के जनरल सेक्रेटरी ने कहा कि “जहाजों का नुकसान एक गंभीर खतरा है।” उन्होंने कहा कि “ऐसे गैर जिम्मेदाराना कृत्य क्षेत्र में तनाव और विवादों ने इजाफा करेंगे।”

बहरीन, मिस्र और यमन की अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार ने भी जहाजों पर हमले की निंदा की है। रविवार को यूएई के विदेश मंत्रालय ने जहाजों को ओमान खाड़ी के क्षेत्रीय जलमार्ग पर रख दिया है। उन्होंने कहा कि “वह इस मामले की क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओ के साथ तफ्तीश में जुटे है। जहाजों के बोर्ड को कोई नुकसान नहीं पंहुचा है और नुकसानदेह रासायनिक या ईंधन का रिसाव नहीं हुआ है।”

फ़ुजैराह बंदरगाह होर्मुज जलमार्ग से तक़रीबन 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस क्षेत्र से विश्व के एक तिहाई तेल का आयात-निर्यात होता है। यूएस के मेरीटाइम एडमिनिस्ट्रेशन ने गुरूवार को चेतावनी दी थी कि ईरान वाणिज्य सागर पर हमला कर सकता है।

चेतावनी के मुताबिक, मई की शुरुआत से ईरान और उसके क्षेत्रीय सहयोगी अमेरिका और उसके साझेदारों के हितो के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। अमेरिका ने 4 मई को मध्य पूर्व में यूएसएस अब्राहम लिंक युद्धपोत और बी-52 बमवर्षक की तैनाती की मंज़ूरी दी थी।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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