सऊदी अरब ने बुधवार को सूडान के विभिन्न राजनीतिक ताकतों के बीच बातचीत के सिलसिले को बहाल करने का आग्रह किया है। उनकी यह प्रतिक्रिया प्रदर्शनकारियों पर हिंसक कार्रवाई के बाद आयी है। सऊदी अरब की आधिकारिक प्रेस एजेंसी के मुताबिक, सऊदी अरब की सरकार सूडान के हालातो को लेकर चिंतित है, जिसके कारण कई लोगो की मौत और कई लोग घायल हुए हैं।
रायटर्स के मुताबिक उन्होंने कहा कि “सऊदी अरब की सरकार सभी पक्षों के बीच बातचीत के बहाल होने की महत्वता को समझती है ताकि सूडानी जनता की महत्वकाँक्षाओं को पूरा किया जा सके।” सोमवार को सूडान के सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई शरू कर दी थी और उसमे 108 लोगो की मौत की खबर है।
यह प्रदर्शनकारी महीनो से खारर्तूम में स्थित सैन्य मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। पश्चिमी सरकारों का प्रदर्शनकारियों को मज़बूत समर्थन है लेकिन अरब सरकार सैन्य हुक्मरानो के समर्थन में हैं। नागरिकों की सैन्य अधिकारीयों से नागरिक सरकार को सत्ता का हस्तांतरण करने की मांग है।
सऊदी अरब और उनके सहयोगियों के क्षेत्रीय हितो के लिए सूडान एक महत्वपूर्ण बभूमिका अदा करता है। शिया ईरान के खिलाफ यमन की जंग में सऊदी गठबंधन को सूडानी सेना ऐड मुहैया करती है। बीते महीने सूडान की सेना ने सूडान के केंद्रीय बैंक में 25 करोड़ डॉलर की रकम जमा की थी।
अप्रैल में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने ऐलान किया था कि वह सूडान को तीन अरब डॉलर की वित्तीय सहायता मुहैया करेंगे। अप्रैल में अपदस्थ राष्ट्रपति ओमर अल बशर को सत्ता से सेना द्वारा निकाले जाने के बाद देश में अराजकता का माहौल बना हुआ है।
आर्मी हुक्मरान जनरल अब्देल फ़त्ताह अल बुरहान ने मंगलवार को ऐलान किया कि “वह तीन वर्षों के ट्रांजीशन पीरियड की योजना तैयार कर रहे हैं और आगामी नौ महीनो में चुनावो का आयोजन किया जायेगा।”