धार्मिक रुढ़िवादी देश सऊदी अरब का योग को खेल का अंग बताकर वह आधुनिक शैली को विकसित कर रहा है। सऊदी अरब में योग को दशकों से आधिकारिक मान्यता नहीं मिली थी। सऊदी के राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान इस्लामिक धर्म को आधुनिक जामा पहना रहे हैं। धार्मिक कट्टरता को किनारे रखते हुए पिछले नवम्बर को राजशाही तंत्र ने योग को खेल का अंग घोषित किया था।
धार्मिक कट्टरपंथियों के भय के बावजूद सऊदी की महिला नौफ़ मरवाई राजतन्त्र में जीवन में योग की भूमिका का सन्देश आम लोगों तक पहुंचा रही है।
अरब योग संस्थान की संस्थापक ने बताया कि उनको भद्दे सन्देश भेजकर प्रताड़ित किया गया। नौफ़ मरवाई ने बताया कि उन्होंने सैकड़ों योग प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया है। उन्होंने कई योग आसनों के विषय में भी बताया।
नौफ़ मरवाई ने बताया कि देश में महिलाओं को सार्वजानिक स्थानों पर योग करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा योग ने कई जिंदगियों में जान फूंकी है। महिलाओं को अवसाद जैसी बीमारियों से निजात दिलाया है।
नौफ़ मरवाई ने बाते कि पिछले कुछ समय से सऊदी के हर शहर में योग प्रशिक्षकों को भेजा गया है। उन्होंने कहा मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी के वहाबी इस्लामिक देश होने की छवि को सुधारा है।
सऊदी के राजकुमार सलमान ने हाल ही में न्यूयोर्क में अन्य धर्मों के नेताओं से मुलाकात की थी। उनका यह कदम सऊदी अरब में योग के प्रति एक नया उत्साह पैदा करेगा।
हाल ही में सऊदी अरब ने दशकों से प्रतिबंधित सिनेमाघरों को दोबारा खुलवाकर और सम्मलेन में स्त्री-पुरुष के एक-साथ शामिल होने की मंज़ूरी देकर देश में मनोरंजन को दोबारा को न्योता दिया है।
नौफ़ मरवाई के शिष्यों ने बताया कि उन पर धार्मिक रिवाजों का उल्लंघन करने का लांछन लगाया गया। उन्होंने बताया कि उन्हें क्या हम हिन्दू है या हमने हिन्दू धर्म अपना लिया है जैसे सन्देश आये। उन्होंने बताया कि योग खेल है यह हमारी आस्था को नुक्सान नहीं पहुंचाता।
नौफ़ मरवाई ने बताया कि योग को लेकर रुढ़िवादी सोच सिर्फ सऊदी में नहीं है बल्कि योग के जन्मदाता भारत में भी है। हाल ही में भारत में फतवा जारी कर योग पर पाबंदी लगा दी गई थी। उन्होंने बताया की सूर्य नमस्कार सूर्य या चंद्रमा की अर्चना करना नहीं होता बल्कि शारीरिक अभ्यास के लिए जरुरी होता है।