सऊदी अरब के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में 500 बिलियन डॉलर निवेश करने के अवसर पर भारत की निगाहें हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था का विस्तार करने की यह पहल है। नए रोड, रेलरोड और एनी विष परियोजनाओं में विकास से सऊदी की आरती स्थिति का विस्तार होगा।
भारत का प्रतिनिधित्व समूह दो दिवसीय दौरे के लिए रियाद जा रहा है, इस यात्रा में संभव प्रतिनिधि समूह कॉन्ट्रैक्ट्स और निवेश अवसर को भुनाने की कोशिश करेगा। इसका नेतृत्व विदेश मंत्रालय और ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ़ इंडिया कर रहे हैं। यह दौरा 27 और 28 नवम्बर को होगा।
आगामी प्रोजेक्ट सऊदी अरब की ‘विज़न 2030’ का भाग होंगे। सऊदी अरब अपनी अर्थव्यवस्था की तेल पर निर्भारत को कम करना चाहता है और उद्योग का विस्तार करना चाहता है। बयान के मुताबिक विज़न 2030 भारत के लिए नए अवसरों का द्वार खोलेगी। साथ ही रेलवे, अस्पताल, पर्यटन, आईटी तथा अन्य शेट्रों में विशेषज्ञों के लिए मार्ग खोलेगी।
भारत का सऊदी अरब में निवेश 1.5 बिलियन डॉलर है जबकि सऊदी अरब ने भारत में 16 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। सीडी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है और साल 2016-17 में 25 बिलियन डॉलर से अधिक का द्विपक्षीय व्यापार किया है। सऊदी अरब भारत का सबसे बड़ा तेल निर्यातक भी है, वह भारत में कुल तेल का 20 फीसदी निर्यात करता है।
सऊदी अरब जनरल इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने भारतियों फार्मों के लिए 400 से अधिक लाइसेंस पारित किये हैं। भारत सऊदी अरब की हाई स्पीड 450 किलोमीटर रेल लाइन का हिस्सा भी बन सकती है। यह रेलवे ल्लिने मक्का व मदीना को जोड़ेगी।
सऊदी अरब में भारतीय समुदाय के सबसे अधिक 3.2 मिलियन लोग हैं, जो भारत में सालाना 10 मिलियन डॉलर की दंराशी भेजते हैं।