सऊदी अरब ने बुधवार को ऐलान किया कि नवंबर 2020 में में राजधानी रियाद में वह जी-20 के सम्मेलन की मेज़बानी करेगा। सऊदी अरब की न्यूज़ आउटलेट अल अरबिया के मुताबिक, अरब दुनिया में यह पहला जी-20 सम्मेलन आयोजित होगा।
इस वर्ष यानी साल 2019 के जून महीने में जी-20 सम्मेलन की मेज़बानी की तैयारियां जापान में शुरू हो चुकी है। बीते वर्ष इसका आयोजन अर्जेंटीना के बुएनोस एरेस में हुआ था। जहां सऊदी अरब का प्रतिनिधित्व क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने किया था।
मोहम्मद बिन सलमान ने कई देशों के नेताओं के साथ बातचीत की थी। इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल है। जापान में जी-20 का समारोह 28 व 29 जून को आयोजित किया जायेगा। डोनाल्ड ट्रम्प मई में जापान की यात्रा पर जा सकते हैं। वह जापान के नए सम्राट नारुहीतो से मुलाकात करने वाले पहले विदेशी प्रमुख हो सकते हैं। नए सम्राट का राज्यभिषेक 1 मई को होगा।
सऊदी अरब पत्रकाल जमाल खशोगी की हत्या और यमन में हिंसक संघर्ष के लिए वैश्विक जगत की आलोचनाएं झेल रहा है। हाल ही में सऊदी में आयोजित निवेश सम्मेलन का कई पश्चिमी देशों ने बहिष्कार किया था। सऊदी क्राउन प्रिंस को पत्रकार की हत्या का दोषी माना जाता है।
जमाल खशोगी की हत्या 2 अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के दूतावास में की गयी थी। वह सल्तनत के हुक्मरानो के मुखर आलोचक थे और सल्तनत की नीतियों का विरोध करते थे। यमन में हिंसक जंग से अमेरिका की कांग्रेस ने अपने सैनिको को बाहर निकालने के लिए राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेजा था हालाँकि डोनाल्ड ट्रम्प ने इस पर वीटो का इस्तेमाल कर इसे खरिज कर दिया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल का यह दूसरा वीटो लगाया था। इससे पूर्व अमेरिकी-मेक्सिको सीमा पर लगे आपातकाल को खत्म के लिए कांग्रेस के प्रस्ताव पर राष्ट्रपति ने वीटो का इस्तेमाल किया था।