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    लेबनान प्रधानमंत्री सऊदी अरब

    लेबनान के प्रधानमंत्री साद अल-हरीरी के सऊदी अरब में पद से इस्तीफा भेजने के बाद दोनों देशों के बीच में संकट गहरा गया था। लेकिन अब लेबनान वापस लौटने के बॉस हरीरी ने अपने इस्तीफे को बाद के लिए स्थगित कर दिया है।

    इसके अलावा हरीरी ने बताया कि उन्होंने लेबनान के राष्ट्रपति द्वारा उन्हें पद छोड़ने को कहने को मान लिया है। इससे पहले हरीरी ने सऊदी अरब से अपने इस्तीफे की बात कही थी।

    हरीरी ने ये बात शनिवार को अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए बताई। लेबनान पीएम सऊदी अरब से सीधे ही फ्रांस जा सकते है। साथ ही इस ट्वीट में हरीरी ने उन अटकलों पर भी विराम लगा दिया जिसमें कहा गया था कि उन्हें सऊदी अरब प्रशासन ने जबरन हिरासत में लिया है। इन खबरों को हरीरी ने महज अफवाह व झूठी बताते हुए खंडन किया।

    हरीरी ने अपने ट्विटर पर इन खबरों को अफवाह और झूठ की रिपोर्टों के रूप में बताते हुए खारिज किया। हरीरी ने कहा कि सऊदी अरब ने न तो उन्हें देश छोड़ने से रोका था, न हिरासत में लिया और न ही प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का दबाव बनाया था।

    लेबनान पीएम की राजनीतिक पार्टी के सदस्य और दो लेबनानी टेलीविजन स्टेशनों के अनुसार साद अल-हरीरी, हवाई अड्डे के लिए जाने से पहले सऊदी क्राउन राजकुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिले थे। साथ ही इन टीवी चैनलों ने ये भी बताया कि वो सऊदी अरब छोड़ रहा है।

    हालांकि हरीरी ने अपना इस्तीफा भेज दिया था लेकिन लेबनान के राष्ट्रपति ने इसे स्वीकार नहीं किया था। इसलिए हरीरी अभी भी लेबनान के पीएम माने जाएंगे और उनका सम्मान व स्वागत भी इसी तौर पर किया जाएगा।

    सऊदी अरब से भेजा था हरीरी ने इस्तीफा

    गौरतलब है कि 4 नवंबर को सऊदी अरब से लेबनान के पीएम हरीरी ने अपना इस्तीफा भेजा था जिसके बाद लेबनान ने सऊदी अरब पर आरोप लगाते हुए कहा था कि हरीरी सऊदी अरब प्रशासन की हिरासत में है। उन पर दबाव बनाया जा रहा है।

    लेबनान के उग्रवादी संगठन हिज्बुल्ला ने भी सऊदी अरब पर निशाना साधा था। लेकिन सऊदी अरब ने मना कर दिया था। जिस वजह से दोनों देशों के बीच में तनाव उत्पन्न हो गया था।

    हाल ही में शुक्रवार को लेबनान में सऊदी अरब के दूतावास ने कहा कि यहां बेरूत में दो सऊदी महिलाओं पर हमले किए जाने की खबर है।  इस घटना की कोई तत्काल सुरक्षा रिपोर्ट नहीं थी। हरीरी ने यह कहते हुए ट्वीट किया कि सऊदी के किसी नागरिक पर हमला उन पर हमला माना जाएगा।