सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने वैश्विक तेल सप्लाई को ईरान से संभावित खतरे होने के बाबत चेतावनी दी है। मध्य पूर्व में ईरान और सऊदी अरब के बीच तनाव काफी बढ़ा हुआ है और इसकी वजह सऊदी की तेल कंपनियों पर हवाई हमला है।
मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव
सऊदी अरब और अमेरिका ने तेल कंपनियों पर हमले के लिए ईरान को कसूरवार ठहराया था, जिससे इस्लामिक रिपब्लिक ने इनकार किया था। इस हमले की जिम्मेदारी यमन के हौथी विद्रोहियों ने ली थी। साल 1971 में ईरानी क्रांति के बाद से ही सऊदी और ईरान के सम्बन्ध तल्ख्पूर्ण है, जिसमे राजशाही को उखाड़ फेंका था। हाल ही के वर्षो में दोनों देशो के बीच तमन और सीरिया में प्रॉक्सी वॉर जारी है।
इस हवाई हमले ने सऊदी अरामको की तेल कंपनियों को क्षतिग्रस्त कर दिया था जिससे वैश्विक तेल सप्लाई पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ा था। इससे सऊदी अरब का 50 फीसदी तेल उत्पादन और विश्व का पांच फीसदी तेल उत्पादन कम हो गया है।
हालिया इंटरव्यू में क्राउन प्रिंस ने कहा कि “तेल बाज़ार के लाइट तेहरान के गंभीर खतरा है जिससे तेल सप्लाई में अनिश्चितता और कीमते बढ़ सकती है। यह वैश्विक बाजार के लिए एक गंभीर परिणाम होगा। मध्य पूर्व में काफी मसले बरक़रार है और हाल ही में बढ़ते तनाव विश्व के लिए अच्छे संकेत नहीं है।
यह तनाव खाड़ी के जरिये जाने वाले व्यापार मार्गो को भी प्रभावित कर सकता है। यह समस्त में अर्थव्यवस्था को अस्थिर कर सकता है। क्राउन प्रिंस ने अपने इंटरव्यू में अंतरराष्ट्रीय ताकतों से ईरान के साथ रजनीतिक समाधान तक पंहुचने के लिए मध्यस्थता करने का आग्रह किया है।
अमेरिका ने साल 2015 में ईरान के साथ हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था और तेहरान पर सभी प्रतिबंधों को वापस थोप दिया था।