सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान इस माह अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर भारत आएंगे। भारतीय नेताओं के साथ ऊर्जा सुरक्षा, निवेश इस बैठक के प्रमुख एजेंडा में शुमार होंगे। 33 वर्षीय क्राउन प्रिंस 16 फरवरी को पाकिस्तान की यात्रा करेंगे। भारत आने से पूर्व वह मलेशिया की यात्रा पर जाएंगे।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी इस माह भारत की यात्रा करेंगे और उनकी सरकार सऊदी अरब के साथ रिश्ते सुधारने के लिए प्रयास कर रही है। भारत को कच्चा तेल मुहैया करने वालो दो बड़े आयातक सऊदी अरब और इराक है। हालांकि सऊदी अरब अब भारत के सबसे अधिक शेयर पर अपने निगाहे जमाये हैं। अमेरिका ने वेनेजुएला और ईरान पर प्रतिबंध लगाए हैं, यह भारत के प्रमुख ऊर्जा स्रोत हैं।
सऊदी अरब अपनी किड्डिया एंटरटेनमेंट सिटी में भारतीय निवेश को लुभाना चाहते हैं। वहीं भारत चाहता है कि सऊदी उनके मुल्क में उत्पादन से लेकर ऊर्जा के क्षेत्र तक मे निवेश करें। चीन, अमेरिका कर यूएई के बाद भारत का चौथा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार सऊदी अरब है।
साल 2017-18 में द्विपक्षीय व्यापार में 9.56 फीसदी यानी 27.48 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है। भारत क्व आयात में 22.06 अर्क़ब् डॉलर की वृद्धि हुई है, जो बीते वित्तीय मुनाफे से 10.50 प्रतिशत अधिक था। जबकि सऊदी अरब को निर्यात 5.41 अरब डॉलर का है और इसमे 5.88 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस की पाकिस्तान यात्रा के दौरान 14 अरब डॉलर की परियोजनाओं पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। सऊदी अरब में नकदी संकट से पाकिस्तान को उभारने के लिए 3 अरब डॉलर की राशि मुहैया करने का ऐलान किया था। साथ ही 3 अरब डॉलर की रियायत तेल की रकम में देने को कहा था। बीते वर्ष अक्टूबर में पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने रियाद की यात्रा की थी।