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सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान

सऊदी अरब के क्रोव्न्न प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान जल्द ही भारत की पहली अधिकारिक यात्रा की योजना बना रहे हैं। यह यात्रा चुनावों में जुटी सरकार किए लिए वेनेज़ुएला संकट में तेल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए और कई क्षेत्रों में निवेश के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। भारत में सऊदी अरब का निवेश उनकी अर्थव्यवस्था के लिहाज से कम रहा है और भारत-सऊदी के राजनीतिक संबंधों का ग्राफ ऊपर की तरफ बढ़ रहा है।

खाड़ी के सबसे अमीर देश और भारत का सबसे विशाल तेल आयातक अब भारत में बड़े स्तर पर निवेश करने की योजना बना रहा है। इस मामले से सम्बंधित जानकार ने बताया कि मोहम्मद सलमान की भारत यात्रा से भारत और सऊदी के मध्य सुरक्षा समझौतों सहित आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी एक नए आयाम पर पंहुचेगी।

प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान के बीच बीते वर्ष नवम्बर में बूएनोस एरेस में मुलाकात हुई थी। दोनों राष्ट्रों ने सऊदी के निवेश का प्रचार ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, रक्षा और उत्पादन क्षेत्रों में करने के लिए एक तंत्र को स्थापित करने का निर्णय लिया था। एर्जेन्टीना पंहुचने के बाद नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहले मुलाकात सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस से की थी।

क्राउन प्रिंस ने भारतीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में पहला निवेश करने के अंतिम निर्णय के बाबत सूचना दी थी। चीन, अमेरिका और यूएई के बाद सऊदी अरब भारत का चौथा बड़ा व्यापार साझेदार है। साल 2016 में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की रियाद की यात्रा से दोनों राष्ट्रों के संबंधों में काफी सुधार आया है, जिनका ग्राफ अब ऊपर की ओर बढ़ता जा रहा है।

विदेश मंत्रालय के दस्तावेजों के मुताबिक “सऊदी अरब भारत की ऊर्जा जरुरत का प्रमुख स्त्रोत है। हमने गत वर्ष 17 फीसदी कच्चे तेल का आयात ब्रिटेन से किया। भारत-सऊदी द्विपक्षीय व्यापार में 27.48 अरब डॉलर की वृद्धि है। इस दौरान सऊदी से हमारे आयात में 22.06 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है। सऊदी अरब को हमारा निर्यात 5.41 अरब डॉलर तक पंहुच गया है।

मौजूदा द्विपक्षीय व्यापार की कीमत 19.64 अरब डॉलर है। भारतीय निर्यात के लिए सऊदी 15 वां विशाल बाज़ार है। सौदिया रब के साल 2017 के आंकड़ों के मुताबिक भारत उसके निर्यात के लिए चौथा बड़ा बाज़ार है। सऊदी की पेट्रोकेमिकल दिग्गज साबिक ने बेंगलोर में 10 करोड़ डॉलर के निवेश से नवम्बर 2013 में अपनी आरएंडडी यूनिट स्थापित की थी। कई सऊदी की कंपनियों ने भी भारत में बिना सब्सिडी के भी निवेश किया है।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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