सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान मिडिल ईस्ट की क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे बड़े देश में इंफ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्री के विकास की योजना के तैयारियां कर रहे हैं। क्राउन प्रिंस को सऊदी की आधुनिक अर्थव्यवस्था की वृद्धि में सबसे अधिक योग्दानी माना जाता है।
साल 2030 तक दुनिया के सबसे बड़े निर्यातक को रेलवे, इंडस्ट्रियल और एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए 425 अरब डॉलर के निवेश की जरुरत है। क्राउन प्रिंस सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था की निर्भरता कच्चे तेल के निर्यात से कम करना चाहते हैं। सऊदी अरब 70 से अधिक 200 अरब रियाल के समझौतों पर मोहर लगा सकती है।
ऊर्जा मंत्री खालिद अल फलीह के मुताबिक प्रिंस सलमान ने सोमवार को इस समझौते के बाबत योजना पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि “यह बेहद महत्वकांक्षी परियोजना है लेकिन इसे पूरा करने के लिए 10 वर्ष से अधिक का समय है, इसलिए हमारे पास पर्याप्त समय मौजूद है। यह सब तब होगा जब हम अपनी तेल अर्थव्यवस्था को बढ़ा रहे होंगे। हम रुकेंगे नहीं।”
सऊदी अरब ने क्राउन प्रिंस सलमान के कार्यकाल में काफी सुधार किये हैं। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था की निर्भरता को कच्चे तेल के निर्यात से हटाकर आर्थिक सुधार की योजना बनाई और विज़न 2030 का नारा दिया। विश्व आर्थिक मंच की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मक रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब सड़क से लेकर जल निर्यात तक 140 राष्ट्रों की सूची में 40 वें स्थान पर है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा की साल 2030 तक इस कार्यक्रम का अर्थव्यवस्था में योगदान 320 अरब डॉलर होगा, जो बीते वर्ष के सकल घरेलू उत्पाद के समांतर है। सऊदी अरब इस वर्ष 7 प्रतिशत खर्च को बढाने पर विचार कर रहा है। इस साल तेल का तक़रीबन कीमत 80 रूपए प्रति बैरल होगी।
सऊदी अरब के परिवहन मंत्री नाबिल अल अमौदी ने कहा की राजधानी रियाद के लिए नए हवाईअड्डे के निर्माण पर भी विचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि देश कई हवाईअड्डों को दोबारा निर्मित और विस्तारित करने की योजना बना रहा है, साथ ही 2000 किलोमीटर रेलवे के निर्माण की योजना बना रहा है।