सऊदी अरब (Saudi Arabia) के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Mohammad Bin Salman) ने शनिवार को कहा कि सल्तनत अपनी सुरक्षा के खतरे का मुकाबला करने से गुरेज नहीं करेगा। ईरान पर आरोप लगाने में सऊदी ने अमेरिका की टीम को ज्वाइन कर लिया है। उन्होंने कहा कि “होर्मुज के जलमार्ग के करीब दो जहाजों पर हमले के पीछे ईरान का ही हाथ है।
होर्मुज का बंदरगाह एशिया में अरब ऊर्जा के निर्यात का एक महत्वपूर्ण मार्ग है। अमेरिका ने दो तेल टैंकरों पर हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। वह तनावों को बढ़ाने के लिए एक अभियान चला रहा है। अमेरिका ने आरोप लगाया कि ईरान तेल टैंकरों पर हमले के लिए ईरान लिम्पेट माइन का इस्तेमाल कर रहा है।
एक ब्लैक एंड व्हाइट वीडियो को अमेरिका ने जारी किया था इसमें अमेरिकी अधिकारीयों के बताया कि ईरानी रेवोलूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स जापानी संचालित टैंकर कोकूका से विस्फोटक सामग्री को हटा रहे हैं। जापानी टैंकर के क्रू सदस्यों के मुताबिक एक उड़ते हुई वस्तु ने जहाज को निशाना बनाया था।
अरबी भाषा वाले अखबार अशरक़ अल अवसात से प्रिंस मोहम्मद ने कहा कि “ईरान ने बीते हफ्ते जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे की की यात्रा और क्षेत्रीय तनावों को कम करने के कूटनीतिक प्रयासों का असम्मान किया था।” हालाँकि क्राउन प्रिंस ने अपने आरोपों का कोई सबूत मुहैया नहीं किया है।
प्रिंस मोहम्मद ने कहा कि “समस्या तेहरान में ही है और कही नहीं है। ईरान हमेशा वह पक्ष रहा है जो क्षेत्रीय तनाव को बढ़ाता है, आतंकी हमलो को अंजाम देता है और या तो सीधे या चरमपंथियों के जरिये आपराधिक हमलो को अंजाम देता है।” ईरान ने गुरूवार को हुए हमले में अपना हाथ होने के आरोपों से इंकार किया है।
ईरान ने कहा कि “क्षेत्र में अमेरिका की सैन्य मौजूदगी और अमेरिकी प्रतिबंध पर्सियन खाड़ी में असूअरक्षा और अस्थिरता के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है।” हाल ही में अमेरिका ने क्षेत्र में भारी सैन्य ताकतों को स्थापित किया है। सेना के मुताबिक यह रक्षात्मक कार्रवाई है।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और रक्षा मंत्री ने बताया कि “यह हमले अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हमारी मांग की महत्वता को उजागर करते है कि ईरान के रवैये के खिलाफ निर्णायक कदम उठाना जरुरी है। सल्तनत क्षेत्र में जंग चाहती है लेकिन हम अपनी आवाम, सम्प्रभुता और अहम हितो के खिलाफ किसी खतरे से निपटने में नहीं हिचकिचाएंगे।”
उन्होंने कहा कि “क्षेत्र में शान्ति और स्थिरता हासिल करने के लिए सऊदी-अमेरिका के सम्बन्ध जरुरी है। ईरान के समक्ष चयन स्पष्ट है। क्या वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय में रचनात्मक भूमिका के साथ एक सामान्य राज्य बनना चाहते हैं या फिर एक असभ्य राष्ट्र बनना चाहते हैं।”